पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को 13,000 करोड़ रुपये की चपत लगाने वाले मेहुल चोकसी की वजह से एंटीगुआ से लेकर डोमिनिका तक में कोहराम मचा हुआ है। भारत से फरार होकर एंटीगुआ गए मेहुल चोकसी की वजह से सरकार और विपक्ष दोनों के बीच तकरार की स्थिति बन गई है। मेहुल चोकसी की वजह से एंटीगुआ और डोमिनिका दोनों ही देशों में विपक्ष सरकार पर लगातार हमला कर रही है।

एंटीगुआ के पीएम ने लगाए गंभीर आरोप
डोमिनिका में विपक्ष के नेता लिनॉक्स लिंटन ने अपने देश की सरकार पर आरोप लगाया है कि मेहुल चोकसी जिस तरह एंटीगुआ से गायब होकर यहां पाया गया है, उसने सरकार की मिलीभगत की ओर इशारा किया है। विपक्ष ने मांग की है कि मेहुल चोकसी से जुड़ी पूरी थ्योरी पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
इसके पहले एंटीगुआ में भी विपक्ष ने वहां की सत्तारूढ़ सरकार को आड़े हाथों लिया था। विपक्षी पार्टी ने वहां के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन को निशाने पर लिया था। लेकिन प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने आरोप लगाया था कि मेहुल चोकसी उनके देश की विपक्षी पार्टियों को फंड कर रहा है। ताकि अगर वो सत्ता में आए तो उसे एंटीगुआ में रोका जा सके।
आपको बता दें कि वर्ष 2018 में भारत से फरार हुए मेहुल चोकसी को बीते दिनों डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के बाद मेहुल के वकील ने डोमिनिका में पकड़े गए पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी ने के वकील ने कोर्ट में हीबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।
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मेहुल के वकील ने अपनी इस याचिका में दावा किया है कि उसके शरीर पर टॉर्चर के निशान भी हैं। वकील ने ये भी आरोप लगाया है कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बरबुडा से उसकी मर्जी के बिना जबरन उठाया गया है।
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