नौकरी, शादी और पैसों का लालच देकर धर्मांतरण कराने के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। नोएडा से गिरफ्तार किया गया डॉ. मोहम्मद उमर गौतम कई बार कानपुर और फतेहपुर समेत आसपास के जिलों में सभाएं कर चुका है।

यहां पर वह अपने संगठन से जुड़े लोगों की मदद से गैर मुस्लिमों को जुटाकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। इसके लिए बाकायदा उसकी स्पीच के पोस्टर भी जारी किए जाते थे। सात साल में 10 से अधिक सभाएं की हैं। सुरक्षा एजेंसियां आयोजकों और उनमें शामिल होने वालों का पता लगाने में जुट गई हैं।
उमर गौतम ने 20 साल की उम्र में इस्लाम धर्म अपनाया था। उसके बाद संगठन बनाकर लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करने लगा। अलीगढ़ विवि और जामिया जैसे संस्थानों में लेक्चर देने जाता था।
यहां भी उसका एजेंडा इस्लाम का प्रचार करना और गैर मुस्लिमों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करना होता था। सूत्रों के मुताबिक उमर ने कई बार कानपुर और फतेहपुर में भी बैठकें की हैं। बाकायदा उसके लेक्चर की तैयारी की जाती थी। इसमें गैर मुस्लिमों को बुलाया जाता था।
कानपुर के आधा दर्जन लोग रडार पर
जांच एजेंसियों को उमर की कानपुर व उसके आसपास जिलों की गतिविधियों की पूरी जानकारी मिली है। यह भी पता चला है कि इन शहरों के कौन-कौन लोग उमर से जुड़े थे। कानपुर के करीब आधा दर्जन ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं। एजेंसियां उनकी भूमिका तलाश रही हैं। कई से पूछताछ भी हो चुकी है। जिसके जिसके खिलाफ साक्ष्य मिलते जाएंगे, सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई करती जाएंगी।
यह भी पढ़ें: उद्धव ठाकरे के एक फैसले ने महाविकास आघाड़ी में मचा दी हलचल, दिखाई सीएम कुर्सी की धाक
कानपुर के एक संगठन से कनेक्शन की आशंका
2017 में आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का एटीएस ने खुलासा किया था। इसमें जाजमऊ स्थित एक इस्लामिक संगठन का नाम सामने आया था। पता चला था कि संगठन के दफ्तर में आतंकियों ने कई बार बैठकें की और मकसद तय किया। अब जब उमर का कानपुर व फतेहपुर कनेक्शन सामने आया है तो सुरक्षा एजेंसियां पता कर रही हैं कि उमर का इस इस्लामिक संगठन से कोई ताल्लुक है या नहीं।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine