बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कंगना रनौत के सभी सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने के की मांग की गई है। याचिका में आवेदक ने कहा है कि वह कंगना रनौत के उस इंस्टाग्राम पोस्ट से बहुत आहत हैं, जिसमें अभिनेत्री ने सिख किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी बताया है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील चरणजीत सिंह चंद्रपाल ने दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि रनौत के बयानों का मकसद दंगा भड़काना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। चंद्रपाल ने याचिका में कहा है कि कंगना के पोस्ट सिखों को “पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी तरीके से” चित्रित करते हैं।
उन्होंने कहा है कि कंगना रनौत की टिप्पणी देश की एकता के खिलाफ है और अभिनेत्री कानून द्वारा गंभीर सजा की हकदार हैं। वकील ने कहा है कि अभिनेत्री की हरकतों को ना तो नकारा जा सकता और न ही माफ किया जा सकता है। याचिका में भारत भर में कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज सभी लंबित FIR को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने की मांग भी की गई है।
याचिका में इन मामलों में सभी चार्जशीट छह महीने में दाखिल करने और दो साल में ट्रायल पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से दिशा निर्देश देने की भी मांग की गई है।
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आरोप है कि कंगना रनौत ने जानबूझकर किसानों के विरोध (किसान मोर्चा) को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में पेश किया था। इसके अलावा उन्होंने सिख समुदाय को कथित तौर पर खालिस्तानी आतंकी भी करार दिया था। अपने पोस्ट में उन्होंने 1984 और उससे पहले नरसंहार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से एक सुनियोजित साजिश भी बताया था।
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