उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होल वाले विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आते ही बीजेपी और सपा के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप की गति में तेजी आ गई है। एक तरफ जहां बीजेपी सपा मुखिया अखिलेश यादव को जिन्ना वाले बयान पर घेरती नजर आ रही है। वहीं अखिलेश ने भजप पर पलटवार करते हुए लखीमपुर हिंसा मामले को हथियार बनाया है।
अखिलेश यादव ने की घोषणा
दरअसल, अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि हर महीने की 3 तारीख को लोगों को बीजेपी की क्रूरता याद दिलाने के लिए लखीमपुर किसान स्मृति दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश के लोगों, किसानों और सपा कार्यकतार्ओं और सहयोगियों, सभी शुभचिंतकों से निर्णय का समर्थन करने का आग्रह किया है।
आपको बता दें कि बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में चार किसानों को एक एसयूवी द्वारा कथित तौर पर कुचल दिया गया था, जब वे एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे। किसानों का आरोप है कि एसयूवी टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था। आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है और किसान अब केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि वह भी इस मामले में आरोपी हैं।
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इस बीच, सपा नेता अखिलेश यादव के 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बचाव में जोरदार तरीके से सामने आए हैं। पार्टी प्रवक्ता एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव मैदान में होना अप्रासंगिक है क्योंकि पार्टी पूरी तरह से अखिलेश यादव के नाम, चेहरे और नेतृत्व पर 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।