महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तगड़ा चाबुक चलाया है। दरअसल, ईडी ने इस मामले में 65 करोड़ रुपए कीमत की शुगर मिल को सीज कर दिया है, जो अजीत की पत्नी सुनेत्रा अजीत पवार की है। इस कंपनी का नाम जरांदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना (जरांदेश्वर एसएसके) है। यह महाराष्ट्र के सतारा में स्थित है।
ईडी ने सीज किया अजीत पवार की पत्नी की कंपनी
ईडी ने अपनी जाँच में खुलासा किया है कि जरांदेश्वर एसएसके को गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2010 में 65.75 करोड़ रुपए में खरीदा था और तुरंत ही उसे जरांदेश्वर शुगर मिल को बेच दिया। खास बात यह है कि इस कंपनी की ज्यादातर हिस्सेदारी अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार की कंपनी स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड के पास है। जाँच एजेंसी के मुताबिक, गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड केवल एक डमी कंपनी है, जिसे जरांदेश्वर एसएसके को खरीदने के लिए बनाया गया था।
सितंबर 2019 में राज्य के विधानसभा चुनावों से पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक स्कैम (MSCB) में 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अजीत पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। मामले की छानबीन करते हुए ईडी को पता चला कि एमएससीबी ने 2010 में जरांदेश्वर एसएसके को एक नीलामी में उचित मूल्य से कम कीमत पर बेचा था।
प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जाँच में ईडी ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक पर सहकारी शुगर कारखाने की नीलामी में सरफेसी अधिनियम के सभी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। जाँच एजेंसी के मुताबिक, नियमों को ताक पर रखकर एमएससीबी ने निदेशकों और निजी लोगों को मिल को औने-पौने दामों पर बेचा दिया था।
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रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वक्त ये घोटाला हुआ था, उस दौरान एनसीपी नेता अजीत पवार उस समय बैंक के बोर्ड में थे। ईडी ने कहा है कि जरंदेश्वर एसएसके को जरंदेश्वर चीनी मिल द्वारा पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और दूसरे बैंकों से 2010 से अब तक 700 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था, जो कि अब भी बरकरार है।