कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को और मजबूत करने के लिए किसान नेताओं द्वारा पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। किसान नेता कई राज्यों में महापंचायत कर किसानों से इस आंदोलन से जुड़ने की अपील कर रहे हैं। ऐसी ही एक महापंचायत कर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को बड़ी चेतावनी दी थी। उनकी इस चेतावनी पर अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दो टूक जवाब दिया है।

किसान नेता के बयान पर कृषि मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अगर किसान संगठन कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने के प्रस्ताव पर विचार करें तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों और किसानी के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वह किसानों की आय दोगुनी करने और भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।
सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करने का प्रयास कर रही है या नहीं, इस पर केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। आज भी जब उनका कोई मत आएगा, तो भारत सरकार हमेशा किसानों के साथ चर्चा करने को तैयार है।
आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को राजस्थान के चूरू जिले में मोदी सरकार को चुनौती देते हुए ऐलान किया था कि जल्द ही दिल्ली में 40 लाख ट्रैक्टरों की रैली निकाली जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जिले के सरदार शहर तहसील में किसान महापंचायत में टिकैत ने कहा कि यह किसानों की आजादी की लड़ाई है।
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इस दौरान बड़ी संख्या में महापंचायत में पहुंचे लोगों से किसान नेता ने दिल्ली चलने का आह्वान करते हुए कहा था कि दिल्ली को चारों तरफ से घेरा जायेगा। उन्होंने किसान आंदोलन को जमीन और रोटी बचाने का आंदोलन बताते हुए कहा था कि इन कानूनों से किसान और उपभोक्ता बर्बाद होंगे। इस दौरान टिकैत ने नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि हल चलाने वाला हाथ नहीं जोड़ेगा।
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