मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में बांध टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश के सभी सम्बन्धित विभागों व अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने तथा एसडीआरएफ को राहत कार्यों के लिए तत्पर रहने को कहा है।
उन्होंने गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जनपदों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक-पुलिस अधीक्षक को भी पूर्णतः सतर्क रहने के लिए निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में उत्पन्न हुई इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी।
दरअसल उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट के बांध का एक हिस्सा टूटने के बाद अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया है। इसकी सूचना पर उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे पर बसे गांव तथा शहरों में हाईअलर्ट घोषित किया गया है। गंगा नदी के किनारे वाले जिलों बिजनौर, बदायूं के साथ ही हापुड़, फर्रुखाबाद, कानपुर, प्रयागराज व वाराणसी के जिलाधिकारियों से राहत आयुक्त ने सम्पर्क करने के साथ ही मुस्तैद रहने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
बांध टूटने के बाद अलकनंदा नदी का जल प्रवाह अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। पानी के वेग को देखकर किसी भी अनहोनी की आशंका से सभी सतर्क हैं। अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ने से केन्द्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश में भी गंगा नदी का पानी पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
बिजनौर में सिंचाई विभाग ने बिजनौर बैराज के सभी गेट फ्री कर दिए हैं। सिंचाई विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में पानी की रफ्तार को देखते हुए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। हरिद्वार से बिजनौर में पानी पहुंचने में लगभग बीस घंटे का समय लगेगा। जिला प्रशासन ने गंगा के किनारे बसे गांवों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
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गंगा के आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है। वहीं बुलंदशहर प्रशासन भी अलर्ट पर है। गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया है। यहां स्याना, डिबाई और अनूपशहर में होकर गंगा बहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन सभी जगहों पर हाई अलर्ट की स्थिति में है।