हमारे भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में चर्चा रोज होती रहती है। यह हाईस्पीड रेल अगले साल यानी कि 2023 तक संचालित होने वाली थी, लेकिन परियोजना में कुछ बाधाओं के कारण अब इसके पूरी होने की म्याद बढ़ गई है। पहले भू-अधिग्रहण अटका, फिर कोरोना महामारी के चलते काम प्रभावित हुआ…इसके अलावा भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार पर अड़चनें डालने का आरोप लगाया। हाल में महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, हमारी सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के काम में तेजी लाने के लिए सभी तरह की मंजूरी दे दी हैं।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना
सरकार ने इसी महीने जुलाई के पहले हफ्ते में अचानक एक बड़ा फैसला लिया और नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रमुख सतीश अग्निहोत्री को बर्खास्त कर दिया। उसके पीछे उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगना था। बताया जा रहा है कि अग्निहोत्री के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही थीं, इसलिए उन्हें हटा दिया गया। उनके बाद सरकार ने एनएचएसआरसीएल (NHSRCL) के निदेशक (परियोजना) के पद पर कार्यरत आईआरएसई के राजेंद्र प्रसाद को NHSRCL के प्रबंध निदेशक पद की जिम्मेदारी सौंप दी। अब 3 महीने वही रहेंगे।
ड्राइवर-कंडक्टर को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
अब बात आती है कि, फिलहाल परियोजना की क्या स्थिति है, तो इस बारे में नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की ओर से कहा गया है कि, सभी तरह के काम प्रगति पर हैं। मसलन, एनएचएसआरसीएल ने वडोदरा में एचएसआर प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण के उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाने वाले एचएसआर ट्रेन के प्रशिक्षण सिमुलेटरों के डिजाइन, विनिर्माण, आपूर्ति और कमीशनिंग के लिए स्वीकृति पत्र जारी किया है। एक सैंपल ट्रैक पहले ही प्रशिक्षण उद्देश्य के लिए स्थापित किया जा चुका है।
कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए सिमुलेटर मिलेंगे
एक्सपर्ट्स का कहना है कि, प्रशिक्षण सिमुलेटर ड्राइवरों, कंडक्टरों, प्रशिक्षकों और ट्रेन/रोलिंग स्टॉक रखरखाव कर्मचारियों को हाई स्पीड ट्रेनों के ड्राइविंग सिद्धांत को समझने में मदद करेंगे। सिंगल ड्राइवर, सिंगल कंडक्टर के साथ-साथ ड्राइवर, कंडक्टर और डिस्पैचर के सामूहिक प्रशिक्षण के लिए एक साथ जानकारियां दी जा सकेंगी। वहीं, एनएचएसआरसीएल ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि, बुलेट ट्रेन के हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को 2023 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद तेजी आई
जहां तक बुलेट ट्रेन के दौड़ने की बात हो तो आरटीआई के जवाब में सरकार की ओर से कहा गया है कि बुलेट ट्रेन सेवा की शुरूआत की तारीख तभी पक्की की जा सकती है, जब कोविड-19 और लॉकडाउन के प्रभाव का आंकलन पूरा हो जाए और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी आ जाए। अब चूंकि, देश कोरोना से भी उबर चुका है और महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाली नई सरकार आ चुकी है, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से इस प्रोजेक्ट को सभी तरह की मंजूरी दिए जाने का ऐलान कर दिया गया है।