15 अप्रैल की देर रात तीन शूटर्स ने डॉन ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अतीक-अशरफ की हत्या के बाद पुलिस सर्विलांस पर लगे करीब 800 फोन नंबर अचानक बंद हो गए। दावा किया जा रहा है कि यह फोन नंबर अतीक से जुड़े करीबियों के थे।
प्रयागराज पुलिस ने केवल अतीक के करीबियों के फोन नंबर सर्विलांस पर नहीं लगाए थे, बल्कि कई दूसरे गैंग के शूटरों के भी नंबर सर्विलांस पर लगाए हुए थे। इन नंबरों को सर्विलांस पर लगाकर यूपी एसटीएफ सुराग जुटा रही थी। लेकिन, ये सभी नंबर अतीक-अशरफ की हत्या के बाद बंद हो गए। एक साथ इतने सारे फोन नंबरों के अचानक बंद हो जाने से जांच में भी बाधा आ रही है। तो वहीं, अब पुलिस ने दूसरे संपर्कों के जरिए नए स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फोन नंबरों के बंद होने का सिलसिला अभी जारी है। जो नंबर बंद हुए है वो अतीक के करीबियों और रिश्तेदारों के भी हो सकते हैं। 15 अप्रैल को कॉल्विन अस्पताल परिसर में अतीक और अशरफ की हत्या हो गई थी।
अतीक-अशरफ की हत्या के बाद अचानक यूं इन फोन नंबरों को बंद हो जाने के बाद से पुलिस हरकत में आ गई। बंद हुए इन 800 नंबरों की जांच तेज कर दी है और इन लोगों की पूरी डिटेल निकाली जा रही है। आपको बता दें कि प्रयागराज में 24 फरवरी को सुलेमसराय के जीटी रोड पर उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ ने जांच शुरू की तो अतीक गैंग का नाम सामने आया था। उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक गैंग का हाथ होने के पुलिस को सुराग भी मिले थे। इस आधार पर एसटीएफ की टीम ने अतीक अहमद और गैंग के मददगारों के 800 नंबरों को सर्विलांस पर रखा।
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मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर माफिया डॉन और गैंग के अन्य सदस्यों के साथ होनी वाली किसी प्रकार की बातचीत पर नजर रखी जा रही थी। यूपी एसटीएफ की उमेश पाल मर्डर केस में जांच चल रही थी। इसी दौरान 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या हो गई। इस हत्याकांड के बाद तमाम नंबर बंद हो गए हैं।