कर्नाटक का हिजाब मामला किसी तरह शांत हुआ तो बिहार के मुजफ्फरपुर में दिखने लगा। महंत दर्शन दास महिला कॉलेज में हिजाब को लेकर जमकर हंगामा हुआ। प्रिंसिपल ने बताया कि कॉलेज में इंटर के सेंटअप परीक्षा ली जा रही थी। इसी दौरान कुछ लड़कियां हिजाब पहने बैठी थीं। शिक्षक को ब्लूटूथ पहनने का शक हुआ तो छात्राओं को हिजाब हटाकर कान दिखाने को कहा। इतने पर वो भड़क गईं। परिवार को बुला लिया। छात्राओं का आरोप है कि शिक्षकों ने जबरन हिजाब हटाने को कहा। उन्हें देशद्रोही बताया और पाकिस्तान जाने को कहा। जबकि, बात सिर्फ इतनी सी थी कि एग्जाम में कोई चीटिंग न करे, इसे अस्योर किया जाए। चेकिंग की गई तो लड़कियों के पास से महंगे एड्रॉयड फोन मिले।
MDDM कॉलेज में हिजाब का क्या था मामला?
कॉलेज की छात्रा ने बताया कि रविवार को सेंटअप परीक्षा ली जा रही थी। इसी दौरान कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर परीक्षा देने पहुंची। क्लासरूम में शिक्षक ने उन्हें हिजाब हटाने को कहा। शिक्षक को शक था कि कान में ब्लूटूथ है। इस पर छात्राओं ने कहा की महिला गार्ड को बुला लीजिए और जांच करा लीजिए। अगर कोई भी आपत्तिजनक सामान निकला तो बिना परीक्षा दिए चली जाएंगी।
छात्राओं ने शिक्षक पर क्या आरोप लगाया?
छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक उनकी बातों को नहीं माने। कहने लगे की हिजाब हटा दो। छात्राओं ने शिक्षक शशिभूषण पर आरोप लगाया कि उन्होंने छात्राओं को देशद्रोही तक कह डाला। कहने लगे कि रहती हो यहां और गाती हो वहां का। पाकिस्तान ही चले जाओ। इसी बात को लेकर छात्राएं भड़क उठी और जमकर हल्ला-हंगामा होने लगा। फिर वे लोग बिना परीक्षा दिए बाहर निकल गईं और गेट पर प्रदर्शन करने लगीं।
MDDM कॉलेज की प्रिंसिपल ने क्या कहा?
कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ कनु प्रिया ने कहा कि ये सब माहौल खराब करने की एक साजिश है। कॉलेज का इतिहास काफी पुराना है। सभी इंटर की छात्राएं थीं। इन लोगों को मोबाइल और ब्लूटूथ हटाने को कहा गया था। लेकिन, इन्होंने इसे अलग इश्यू बना दिया और धर्म से जोड़कर विवाद करने लगीं। ये बहुत ही शर्मनाक बात है। इन छात्राओं का अटेंडेंस भी 75% से कम है। अब तो शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी का निर्देश है कि इसे कम पर्सेंट वाले छात्राओं को फाइनल एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा। ये लोग बेवजह का दबाव बना रहीं हैं। ताकि कॉलेज प्रशासन इनके सामने झुक जाए। हिजाब की कोई बात नहीं थी। ये जिस शिक्षक पर आरोप लगा रही हैं, उन्होंने देशद्रोही और पाकिस्तान जाने जैसी कोई बात नहीं कही थी। ये लोग मनगढ़ंत बात बनाकर बेवजह मामले को तूल दे रहीं हैं।
यह भी पढ़ें: चुनाव से पहले ही शशि थरूर ने मान ली मल्लिकार्जुन खड़गे से हार? अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग से पहले कही यह बात
हिजाब विवाद पर आखिर में क्या हुआ?
सूचना मिलने पर मिठनपुरा थानेदार श्रीकांत प्रसाद सिन्हा मौके पर महिला सिपाहियों को लेकर पहुंचे। छात्राओं को समझाने की कोशिश की। पुलिसवालों से भी छात्राएं उलझ गईं। खूब वाद-विवाद हुआ। कुछ देर बाद कॉलेज की प्राचार्या डॉ कनु प्रिया पहुंचीं। उन्होंने किसी तरह सभी को समझाकर शांत कराया। छात्राएं शांत हुईं। फिर एग्जाम देकर वहां से चुपचाप बाहर निकल गईं।