उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो हिंदुओं की आस्था पर तगड़ी चोट तो पहुंचाती ही है। साथ ही देश की हिंदू-मुस्लिम सद्भाव पर भी कुठाराघात पहुंचा रही है। यह मामला गाजियाबाद जिले में स्थित मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र डासना की है, जहां स्थित शिव-शक्ति मंदिर में आसिफ नाम के मुस्लिम युवक की पिटाई चर्चा का विषय बनी हुई है।
युवक ने बताई घटना की पूरी सच्चाई
वैसे तो कई मीडिया आसिफ की पिटाई को गलत ठहराते हुए शिव-शक्ति मंदिर पर सवाल खड़ा करते हुए बदनामी का दाग लगा रहे हैं, लेकिन मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने जो बयान दिया है, वह इससे बिल्कुल भी विपरीत है। इसी क्रम में श्रृंगी यादव नाम के एक युवक ने सुदर्शन न्यूज चैनल को उस दिन का पूरा दृष्टांत भी सुनाया है। आसिफ की पिटाई के आरोप में श्रृंगी यादव को गिरफ्तार किया गया था, जो अब जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
वायरल हो रहे सुरदर्शन न्यूज के एक वीडियो से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले पर बातचीत करते हुए श्रृंगी यादव नाम के एक युवक ने उस दिन की घटना की जानकारी दी। श्रृंगी यादव के अनुसार, आसिफ द्वारा बताई गई बातें बिल्कुल भी झूठी हैं।
युवक ने बताया कि आसिफ मंदिर परिसर में पानी पीने के लिए नहीं घुसा था। उन्होंने कहा कि मंदिर में कई शिवलिंग मौजूद हैं। आसिफ को पीटने के मामले में गिरफ़्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए श्रृंगी यादव ने बताया कि उसने उस लड़के को शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल में पेशाब करते हुए देखा था। साथ ही इस तथ्य को दोहराया कि अगर उसे पानी पीना होता तो वो मंदिर के बाहर कई चापाकल और नल हैं, उनमें से पी लेता।
उन्होंने बताया कि आसिफ के साथ एक और लड़का था, जो टोपी पहन कर आया हुआ था। चश्मदीद रहे श्रृंगी ने बताया कि उसने उस लड़के को ही सबसे पहले देखा था, जो दरवाजे पर खड़ा था। उन्होंने कहा कि वो लड़का अपनी पैंट की चेन खोल कर गलत हरकतें कर रहा था। उस समय कई हिन्दू महिला श्रद्धालु भी मंदिर में आए हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लड़के अक्सर उलटी-सीधी हरकतें करने के लिए आते रहते हैं।
मंदिर के आसपास मुस्लिम समाज के युवकों द्वारा छेड़खानी का आरोप दोहराते हुए युवक ने कहा कि कुछ दिनों पहले दारुल उलूम देवबंद से कुछ लड़के आए थे और उन्होंने अपना नाम गलत बताया था। चेतावनी दिए जाने के बाद वो चले गए थे। उन्होंने बताया कि कुछ दी दिनों पहले भगवन परशुराम की प्राचीन प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई थी। साथ ही ये भी कहा कि यहाँ मंदिर के पास आकर लड़के गुंडागर्दी करते हैं।
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वहीं ‘पाञ्चजन्य’ से बातचीत करते हुए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि पिछले 5 दिनों से सभी लोग मंदिर के पीछे पड़े हुए हैं और कह रहे है कि पानी पीने आए बच्चे को पीट दिया। उन्होंने कहा कि ये बात अगर होती तो ये बुरी बात है लेकिन वो हिन्दुओं से कहना चाहते हैं कि क्या सच में वो पानी पीने आया था? उन्होंने कहा कि बाहर से दिखाई भी नहीं देता है कि अंदर कोई नल है। उन्होंने कहा कि वो उसे ‘बच्चा’ नहीं मानते।