यूपी के प्रतापगढ़ के जिला अस्पताल की अर्थव्यवस्था को उजागर करने और मानवता को शर्मसार करने वाली एक ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो सरकारी अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध कराने के दावे की कलई को खोलता है। दरअसल बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे महिला अपने पति को अपनी पीठ पर लादे दिख रही है।

वायरल वीडियो में दिखाया जा रहा है कि कैसे एक महिला अपने बीमार पति को डॉक्टर के पास दिखाने लेकर आती है। बीमार पति खुद चलने की हालत में नहीं है। मरीज को जब स्ट्रेचर नहीं मिल पाता तो महिला पति को अपनी पीठ पर लादकर ले जाने पर मजबूर हो जाती है। खास बात यह कि वहां उसकी मदद करने वाला कोई नहीं मिलता। ना तो अस्पताल के किसी कर्मचारी ने और ना ही किसी तीमारदार ने उसकी सहायता करने की जरूरत समझी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेठी की रहने वाली शोभा देवी का पति मजदूर है। पति-पत्नी कांशीराम कालोनी में रहते हैं। शोभा के पति का 25 मार्च को छह महीने पहले पेड़ से गिरने के कारण पैर टूट गया था, लॉकडाउन व पैसे की कमी से वह पैर का आपरेशन नहीं करवा सका। दर्द बढऩे पर कुछ दिन पहले महिला अपने पति को ई रिक्शा से लेकर जिला अस्पताल पहुंची।
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अस्पताल में न वार्ड ब्वॉय मिला और न ही स्ट्रेचर
यहां वार्ड ब्वाय व स्ट्रेचर नहीं मिलने से वह पति को पीठ पर लादकर ओपीडी तक गई और लौटी। उसके बाद फिर ई रिक्शा तक गई। पति को पीठ पर लादने की स्थिति का वीडियो वायरल होने से स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है।
महिला ने इंतजार नहीं किया होगा: मुख्य चिकित्साधीक्षक
खास बात यह है की अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचे किसी भी तीमारदार ने भी इस महिला की कोई मदद नहीं की है और वह भी तमाशबीन बने रहे। वही, इस मामले पर मुख्य चिकित्साधीक्षक पीपी पांडेय का कहना है कि महिला के द्वारा हेल्प नही मांगी गई, अस्पताल में आठ स्ट्रेचर हैं। 500 मरीज रोज आते हैं, ऐसे में कभी स्ट्रेचर खाली नहीं रहता है।
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