मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपको अब किसी बात की चिंता नहीं करनी चाहिए। आपका परिवार अब मेरा परिवार है और खुशी मेरी बेटी की तरह है।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक भावनात्मक मुलाकात में कानपुर की 20 वर्षीय मूक-बधिर युवती खुशी गुप्ता और उसके परिवार से मिलकर उनके इलाज, शिक्षा और आवास की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा की। सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत रूप से पहल करते हुए खुशी और उसके परिवार को लखनऊ बुलाया और उनसे लंबी बातचीत की। खुशी, जो बोल और सुन नहीं सकती है, अपने हाथों से बनाई गई मुख्यमंत्री योगी की पेंटिंग लेकर उनसे मिलने के लिए शनिवार को कानपुर से अकेले लखनऊ निकल पड़ी थी। उसके अचानक गायब होने की जानकारी मिलने पर परिवार परेशान हो गया और पुलिस ने उसे हजरतगंज क्षेत्र में सुरक्षित ढूंढ लिया। पुलिस ने लड़की को समझाकर घर वापस भेज दिया, लेकिन इस दौरान उसकी कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जब यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आई, तो उन्होंने तुरंत जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि खुशी और उसका परिवार उनसे औपचारिक रूप से लखनऊ में मिलें। बुधवार को खुशी गुप्ता, उसके पिता कल्लू गुप्ता और मां गीता गुप्ता ने मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचकर सीएम योगी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने न सिर्फ खुशी की कला और उसकी मेहनत की सराहना की बल्कि उसके परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को समझते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
कानपुर की मूक-बधिर बच्ची जब पेंटिंग लेकर लखनऊ पहुंची, तो योगी बाबा ने उसे न सिर्फ समय दिया, बल्कि दिल से अपनाया।
इस स्नेह की वजह से UP के बच्चे उन्हें “मुख्यमंत्री” नहीं… योगी बाबा कहते हैं।#YogiBaba pic.twitter.com/xggbQuIztV— Cyber Huntss (@Cyber_Huntss) November 27, 2025
सीएम योगी से मिली मूक बधिर खुशी
खुशी के पिता कल्लू गुप्ता, जो कानपुर के ग्वालटोली क्षेत्र में किराए के मकान में रहते हैं, ने बताया कि उनकी बेटी जन्म से मूक-बधिर है और घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उसका उचित इलाज और शिक्षा कराना मुश्किल हो रहा था। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने चिकित्सीय उपचार का पूरा खर्च उठाने, विशेष शिक्षण सुविधाएँ देने और खुशी के करियर निर्माण में सहायता प्रदान करने की बात कही। साथ ही जब सीएम योगी को पता चला कि परिवार किराये के छोटे मकान में रहता है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द लाभार्थी योजना के तहत उन्हें आवास उपलब्ध कराया जाए। मुलाकात के बाद खुशी के पिता भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपको अब किसी बात की चिंता नहीं करनी चाहिए। आपका परिवार अब मेरा परिवार है और खुशी मेरी बेटी की तरह है।” उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले उनके परिवार के साथ बैठकर नाश्ता किया, सम्मानपूर्वक बातचीत की और हर समस्या को धैर्यपूर्वक सुना।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि खुशी के लिए सर्वोत्तम चिकित्सीय व्यवस्था की जाए ताकि वह भविष्य में न सिर्फ आत्मनिर्भर बन सके बल्कि समाज में अपनी प्रतिभा का योगदान भी दे सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना है और जिन बच्चों के पास प्रतिभा तो है लेकिन संसाधनों की कमी है, उन्हें सरकार और समाज दोनों का सहयोग मिलना चाहिए। मुलाकात के दौरान मौजूद अधिकारियों ने कहा कि खुशी के लिए आवश्यक मेडिकल परीक्षण और उपचार जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा और उसकी शिक्षा के लिए विशेष स्कूल और स्कॉलरशिप सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
खुशी की कहानी सोशल मीडिया पर समर्थन और संवेदना का केंद्र बनी रही, कई यूज़र्स ने उसकी पेंटिंग और उसके साहस की प्रशंसा की। प्रशासन ने भी कहा कि यह मामला साबित करता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म सकारात्मक बदलाव का बड़ा माध्यम बन सकते हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ही सरकार तक यह जानकारी पहुंची और त्वरित फैसला संभव हो पाया।
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