लखनऊ । अयोध्या धाम के कथा व्यास स्वामी बाल भरत जी महाराज की संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा गुरुवार को बीरबल साहनी मार्ग से खाटू श्याम मंदिर में शुरू हुई। कथा से पहले सुबह कलश यात्रा निकाली गई।
कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश धारण करे प्रभु नाम के जयकारे लगाते हुए चल रही थी तो वही इस्कॉन मंदिर से आई टीम हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन करते हुए चल रही थी। संकीर्तन से यात्रा में चल रहे श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूम रहे थे और नृत्य कर रहे थे।

कलश यात्रा पंचमुखी हनुमान मंदिर से शुरू होकर खाटू श्याम मंदिर पर समाप्त हुई। कलश यात्रा में कथा व्यास बालभारत जी महाराज व आयोजक प्रदीप अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त चल रहे थे। यात्रा में जगह-जगह भगवान् के जयकारे लग रहे थे।
शाम को कथा व्यास बाल भरत जी महाराज ने भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए भागवत के महत्व की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कथा सुनने से पितरों को शांति और मुक्ति मिलने के साथ ही आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
सांसारिक दुखों से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही, कथावाचक भागवत कथा के मूल मंत्र, सदाचार, पर भी प्रकाश डालते हैं, जो कि समाज में सम्मान और भगवान का प्रेम दिलाता है। कथा 13 अगस्त तक सायं 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक होगी।
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