लखनऊ। आपको बता दें यह खबर आपकी जानकारी के लिये है। बता दें कि कि राशन कार्ड को आधार से लिंक कराना अब अनिवार्य हो गया है। अगर आपने आधार को लिंक नहीं कराया तो आने वाले वक्त में राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है। बीते दिनों सरकार ने नए साल में एक देश और एक राशन कार्ड को भी अनिवार्य करने का ऐलान किया था। इसका मतलब ये हुआ कि आप एक राशन कार्ड पर देश के किसी भी हिस्से में अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं।
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अब यह भी जानकारी दे दें कि करीब सात साल में 4 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। यह जानकारी उपभोक्ता4 कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से दी गई है। आखिर इसकी क्या वजह है इसको भी आगे पढ़िये..
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सरकार ने वर्ष 2013 के बाद से लगभग 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों के सही लक्ष्य तय करने के लिए ऐसा किया गया। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। सरकार ने कहा कि निरस्त किये गए राशन कार्ड के स्थान पर नए राशन कार्ड नियमित रूप से सही और पात्र लाभार्थियों या घरों को जारी किए जा रहे हैं। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2013 से 2020 तक की अवधि के दौरान देश में राज्य सरकारों द्वारा अब तक कुल 4.39 करोड़ अयोग्य या फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया गया है। यह काम पीडीएस के आधुनिकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों के बीच किया गया। पीडीएस में पारदर्शिता लाने और दक्षता में सुधार करने के लिए सरकार ने लाभार्थियों के डेटाबेस का डिजिटलीकरण किया है। इसे आधार संख्या का दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है जिससे अयोग्य और फर्जी राशन कार्डों का पता लगाने में मदद मिली है।
केन्द्र सरकार रद्द कर चुकी है चार करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड
मंत्रालय के मुताबिक सही लाभार्थियों की पहचान करने के लिए साल 2013 से 2020 के बीच 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया गया है। हालांकि, रद्द किये गए राशन कार्डों के बदले में सही और योग्यर लाभार्थियों/परिवारों को नियमित तौर पर नये कार्ड जारी किए गए हैं। मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पीडीएस के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत में खाद्यान्नग उपलब्धु कराया जा रहा है। यह साल 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की जनसंख्याय के दो तिहाई लोग हैं। सस्ती दर पर राशन
वर्तमान में देश के 80 करोड़ से ज्या दा लोगों को केन्द्रा द्वारा जारी रियायती दरों- तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हर महीने खाद्यान्न (चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज) उपलब्धो कराया जा रहा है।