टीम इंडिया में लौट रही शेफाली वर्मा ने बताया कि टीम से बाहर रहने के दौरान उन्होंने टेस्ट में सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी के काफी वीडियो देखे जिससे हर गेंद को उसकी मेरिट के आधार पर खेलने का महत्व समझ में आया। खराब फॉर्म के कारण पिछले साल उन्हें टीम से बाहर किया गया था। उन्होंने बीसीसीआई वीडियो में कहा कि पहले मैं हर गेंद पर चौका या छक्का मारने के बारे में सोचती थी लेकिन फिर मुझे समझ में आया कि अच्छी गेंद का सम्मान करना जरूरी है।
मैने सचिन सर की टेस्ट पारियां देखी और उससे काफी प्रेरणा मिली। उन्होंने बोला कि इससे मुझे बचपन के दिन याद आ गए जब मैं उनका एक भी मैच नहीं छोड़ती थी। मैने हर मैच फिर से देखा। उसे देखकर मैने सीखा के अच्छी गेंद को सम्मान देकर ही अच्छी पारियां खेली जा सकती है।घरेलू क्रिकेट और महिला प्रीमियर लीग में बेहतरीन प्रदर्शन करके शेफाली ने टीम में वापसी की। उन्होंने कहा कि वापसी करना आसान नहीं होता और पिछले साल टीम चयन से दस दिन पहले उनके पिता को दिल का दौरा पड़ने से यह और कठिन हो गया। शेफाली को पिछले साल नवंबर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे श्रृंखला के लिये टीम में जगह नहीं मिली थी।
उन्होंने कहा कि जब भी आप वापसी करते हैं तो हालात कठिन होते ही हैं लेकिन टीम माहौल में लौटकर अच्छा लगता है। मुझे खुशी है कि मैं वापसी कर सकी।आस्ट्रेलिया के खिलाफ चयन से दस दिन पहले मेरे पापा को दिल का दौरा पड़ा था। मेरे लिये वह कठिन समय था और मैं टीम में भी नहीं चुनी गई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है। उन्होंने कहा कि मैने फिटनेस पर काफी मेहनत की। 20 . 25 दिन बाद बल्ला उठाया तो बहुत अच्छा लगा। इससे अलग तरह की ऊर्जा मिली। समय बहुत कुछ सिखाता है। मैं अब अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके बाकी भाग्य पर छोड़ दूंगी।