लखनऊ। प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई को डिजिटल युग के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग ने 5000 संविदा कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बताया जा रहा है कि प्रदेश के अधिकांश माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर साइंस विषय तो पाठ्यक्रम में शामिल है, लेकिन उसकी पढ़ाई नियमित रूप से नहीं हो पा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि अब तक कंप्यूटर साइंस विषय के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षक नियुक्त नहीं हो सके हैं। दरअसल, पिछले दो दशकों से कंप्यूटर विषय को माध्यमिक स्तर की पढ़ाई में शामिल किया गया है, लेकिन विभाग अब तक इसकी नियमित पढ़ाई सुनिश्चित नहीं कर पाया।
वर्ष 2018 में इस विषय के 1673 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन प्रक्रिया के अंत में मात्र 36 शिक्षकों की नियुक्ति हो सकी। इससे स्पष्ट होता है कि विषय की आवश्यकता और शिक्षक उपलब्धता में भारी अंतर है।
पिछले कुछ वर्षों से कई जिलों से विभाग को बार-बार स्मरण पत्र भेजे जा रहे थे, जिनमें बताया गया कि कंप्यूटर साइंस विषय पाठ्यक्रम में शामिल होने के बावजूद पढ़ाया नहीं जा पा रहा है। इसका असर छात्रों की तकनीकी समझ और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में प्रदर्शन पर भी पड़ रहा है।
सूत्रों की मानें तो विभाग ने दो वर्ष पहले भी इस विषय में प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन तीन प्रमुख बिंदुओं पर आपत्तियाँ उठाते हुए उसमें संशोधन की मांग की गई थी। अब विभाग ने शासन की आपत्तियों का समाधान करते हुए नया और संशोधित प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं।
संशोधित प्रस्ताव के अनुसार, कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में एक से दो शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जबकि अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में दो से तीन शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था इस प्रकार बनाई जा रही है कि छात्रों को नियमित रूप से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई मिल सके और विषय की गुणवत्ता में सुधार हो।
इसके अतिरिक्त, विभाग ने सुझाव दिया है कि प्रतिष्ठित संस्थानों से कंप्यूटर साइंस या आईटी में बीटेक कर चुके पूर्व छात्रों को इस भर्ती में प्राथमिकता दी जाए। इससे न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि तकनीकी रूप से दक्ष युवा वर्ग को रोजगार का अवसर भी मिलेगा।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव पर शासन की स्वीकृति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत कर दी जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी शैक्षिक सत्र से प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर साइंस विषय की पढ़ाई सुचारु रूप से शुरू हो सकेगी।
इस फैसले से न केवल छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में भी एक नया बदलाव देखने को मिलेगा। डिजिटल भारत के सपने को साकार करने की दिशा में यह एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।