नयी दिल्ली। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को मांग की कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां विभिन्न व्यवस्थाएं सेना के हवाले की जाएं। यादव ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जिस तरह सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे तथा घायलों के इलाज, भोजन, परिवहन आदि का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां खोया पाया, प्रबंधन आदि की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। यादव ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए मृतकों के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाया तथा हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, जिन्होंने सच छिपाया, उन्हें दंडित किया जाए। अगर (सरकार को) अपराध बोध नहीं है तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए। आंकड़े छिपाने के लिए मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।
जहां इंतजाम होना चाहिए था, वहां प्रचार हो रहा था। धार्मिक समागम में सरकार का प्रचार निंदनीय है। यादव ने यह भी कहा कि डिजिटल कुंभ कराने का दावा करने वाले मृतकों की डिजिट (संख्या) नहीं दे पा रहे। उन्होंने दावा किया कि महाकुंभ में भगदड़ के बाद संतों के एक निश्चित मुहूर्त में स्नान की परंपरा भी टूट गई। सपा सांसद ने कहा, अगर मेरी बात गलत है तो नेता सदन (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) चर्चा के जवाब में बताएं। उन्होंने यह दावा भी किया कि भगदड़ की घटना के 17 घंटे बीत जाने पर और राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के शोक संदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लोगों के मारे जाने की बात स्वीकार की। राष्ट्रपति के अभिभाषण का उल्लेख करते हुए यादव ने कहा कि उसमें 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण और 80 करोड़ गरीबों को खाद्यान्न मुफ्त दिए जाने जैसी पुरानी बातें ही हैं।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा डबल इंजन की सरकार का दावा करती है लेकिनअब उसके इंजन तो टकरा ही रहे हैं, बल्कि डिब्बे भी टकराने लगे हैं। यादव ने कहा कि दस साल पहले वाराणसी को जापान के क्योटो शहर जैसा बनाने का दावा किया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद आज तक वहां मेट्रो शुरू नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चुनाव है और अभिभाषण में दिल्ली मेट्रो के विस्तार का उल्लेख है, लेकिन जो दिल्ली में मेट्रो बना रहे हैं, बनारस में क्यों नहीं बना पा रहे? उन्होंने दावा किया, उत्तर प्रदेश में जितनी मेट्रो चल रही हैं
(पूर्ववर्ती) सपा सरकार की देन हैं, आपकी (भाजपा की) नहीं। यादव ने कहा कि दिल्ली का विकास अपने आप हो जाएगा, बशर्ते दिल्ली वाली भाजपा सरकार (केंद्र सरकार) हस्तक्षेप करना बंद कर दे। उन्होंने केंद्र सरकार की नदी जोड़ो योजना को सिंचाई के लिए अच्छी पहल तो करार दिया लेकिन आरोप लगाया कि 40 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना से जिन किसानों की जमीन जा रही है, उन्हें सही से मुआवजा नहीं दिया जा रहा।
उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती सपा सरकार के समय आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर वायु सेना का विमान उतरने का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि यह सरकार एक भी ऐसा हाइवे बनाकर दिखाए जिस पर विमान उतर जाएं। उन्होंने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में सीमा पर चीन के कब्जे की खबरें हैं और यदि सरकार के अनुसार वे गलत हैं तो वह ऐसे मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। यादव ने कहा, अगर कुंभ पर सच्ची खबरें दिखाने पर प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं तो चीन को लेकर गलत खबरें दिखाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराते? उन्होंने आरोप लगाया, चीन जैसा देश जमीन और बाजार दोनों छीन रहा है।
यह बात गलत हो तो सरकार आंकड़े देकर बताए। यादव ने कहा कि सरकार के लोग दावा करते हैं कि चीन पर कांग्रेस की नीतियों के कारण ऐसी स्थिति है तो उसका रास्ता कांग्रेस वाला क्यों है? उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे शुरू करने का दावा किया गया था, लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका। यादव ने कहा, उत्तर प्रदेश में एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) का एक भी एक्सप्रेसवे बनाया गया हो तो सरकार बताए।