शिवसेना नेता भरत गोगावले ने कहा है कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में विभागों का बंटवारा शनिवार को किया जाएगा। सभी की निगाहें गृह मंत्रालय पर टिकी हुई हैं। दरअसल, महाराष्ट्र की नवनिर्वाचित महायुति सरकार में गृह मंत्रालय को लेकर पेंच फंसा हुआ है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस गृह मंत्रालय का कार्यभाग अपने पास रखना चाहते हैं, वहीं पिछली महायुती सरकार में मुख्यमंत्री रहे एकनाथ शिंदे भी गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े नजर आ रहे हैं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार की अगुवाई वाली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाले तीन-दलीय महायुति गठबंधन के सदस्य हैं।
आज हो सकता है मंत्रियों के विभागों का आवंटन
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गोगावाले ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि मंत्रियों के विभागों का आवंटन आज होने की संभावना है। तीनों गठबंधन सहयोगियों के नेताओं ने शुक्रवार को मुलाकात की और आज सुबह मुख्यमंत्री के साथ नाश्ते पर हमारी बैठक हुई। विभागों को लेकर कोई मतभेद नहीं है और फैसला सभी को स्वीकार्य होगा।
गोगावले ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें उनके गृह जिले रायगढ़ का संरक्षक मंत्री नियुक्त किया जाएगा।
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति ने जीती थी 230 सीटें
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उनके दो उप-मुख्यमंत्रियों ने 5 दिसंबर को शपथ ली थी। इससे कुछ दिन पहले ही 20 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में महायुति ने विपक्षी महा विकास अघाड़ी को हराकर राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीती थीं (भाजपा: 132, शिवसेना: 57, राकांपा: 41)।
एपीआई मांगों पर अड़े शिंदे
हालांकि, सरकार गठन में देरी हुई क्योंकि शिंदे, जो जून 2022 से अक्टूबर 2024 तक महायुति सरकार में मुख्यमंत्री थे, कथित तौर पर फडणवीस के साथ पदों की अदला-बदली के लिए अनिच्छुक थे, और जब अंततः आश्वस्त हुए तो उन्होंने महत्वपूर्ण गृह विभाग मांग लिया, जिस पर वह अभी भी अड़े हुए हैं।
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फडणवीस ने संभाला है गृह मंत्रालय का कार्यभार
फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में तथा मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।
15 दिसंबर को महायुति के शीर्ष तीन नेताओं के साथ गठबंधन के 39 सदस्य महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बन गए। शामिल किये गये लोगों में 19 भाजपा सदस्य, 11 शिवसेना नेता और नौ राकांपा सदस्य शामिल थे।