निकिता की हत्या के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए निकिता के पिता ने बेटी को न्याय दिलाने के लिए राजनीति ना करने की अपील की है। वहीं उन्होंने कहा कि उग्र प्रदर्शन से उनकी बेटी को न्याय नहीं मिलेगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में ‘लव जेहाद’ का शिकार हुई हरियाणा की बेटी निकिता की चिता भले ही ठंडी पड़ गई हो लेकिन बेटी को खोने का गम पिता और अन्य परिजनों को दिन-रात सता रहा है। बेटी की मौत पर पिता का एक बार फिर दर्द छलका है। इसके साथ ही परिवार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर द्वारा दिये लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाये जाने के बयान से भविष्य में किसी और बेटी के साथ ऐसा न होने की उम्मीद जताई है। पिता ने कहा है, ‘अगर इस तरह का कानून पहले से होता तो निकिता आज जिंदा होती। अगर आगे इस तरह का कानून आयेगा तो भविष्य में अन्य निकिता बच सकेंगी।’
आपको बता दें, बीते दिन हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाये जाने की तैयारी के बाबत बयान दिया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने लव जेहाद के खिलाफ कानून के विचार पर बोलते हुए कहा, हम इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। केंद्र और राज्य स्तर पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, सरकार की कोशिश रहेगी की इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों।
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आपको बता दें कि बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज के बाहर बीते सोमवार को निकिता तोमर की हत्या कर दी गई थी। मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके साथी रेहान ने पहले निकिता को अगवा करने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम होने पर गोली मार दी थी। छात्रा निकिता के पिता ने ही सबसे पहले लव जेहाद का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था आरोपी की मां भी पिछले दो साल से बेटी पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाल रही थी और वह कई दफा उनकी बेटी को फोन करके उसे धर्म परिवर्तन के लिए कहती थी, जिससे निकिता काफी परेशान होती थी। निकिता के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बीते कई दिनों से बुरा असर पड़ रहा था। निकिता टूटी नहीं लेकिन मजहबी कट्टरवाद की भेट चढ़ गई।