लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमलों की बढ़ती घटनाओं को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार की नीतियां जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और शांति स्थापित करने में विफल रही हैं।
राहुल गांधी पर व्यक्त की संवेदना
राहुल गांधी ने लिखा, “गुलमर्ग, जम्मू-कश्मीर में सेना के वाहन पर हुए कायराना हमले में हमारे वीर जवानों की शहादत का समाचार अत्यंत दुखद है। हमले में दो पोर्टर्स ने भी अपनी जान गंवा दी। शहीदों को नमन करता हूं और सभी शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि केंद्र की NDA सरकार की नीतियां जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और शांति स्थापित करने में पूरी तरह से विफल रही हैं। उनके दावों के विपरीत, हकीकत यह है कि प्रदेश निरंतर आतंकी गतिविधियों, हमारे जवानों पर हमलों और नागरिकों की लक्षित हत्याओं के कारण खतरे के साए में जी रहा है। सरकार को तुरंत जवाबदेही लेनी चाहिए और जल्द से जल्द वादी में अमन बहाल कर सेना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले
जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला जिले में गुरुवार को आतंकवादियों द्वारा सेना के वाहनों पर घात लगाकर किये गए हमले में दो सैनिक और दो नागरिक मारे गए ।
अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के कर्मियों और नागरिक कुलियों को लेकर एक काफिला अफरावत रेंज में नागिन चौकी की ओर बढ़ रहा था, तभी आतंकवादियों ने पर्यटन केंद्र गुलमर्ग से लगभग 6 किमी दूर बोटापथरी में सेना के दो ट्रकों पर गोलीबारी की।
गुरुवार को हुआ हमला जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की श्रृंखला में नवीनतम है। इससे पहले 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पहली निर्वाचित सरकार ने पिछले सप्ताह शपथ ली थी।
गुलमर्ग में सेना के वाहन पर हमले से कुछ घंटे पहले ही आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में उत्तर प्रदेश के एक मजदूर को गोली मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।
24 अक्टूबर को कश्मीर के गंदेरबल जिले में छह गैर-स्थानीय मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर समेत सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। यह क्रूर आतंकी हमला तब हुआ जब आतंकवादियों ने जेड-मोड़ सुरंग निर्माण स्थल पर पीड़ितों पर गोलियां चलाईं।
18 अक्टूबर को बिहार के एक मजदूर को शोपियां जिले में आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। गोलियों से छलनी उसकी लाश जैनापोरा के वाची इलाके में एक खेत में पड़ी मिली थी।
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एक अन्य हमले में, 9 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक प्रादेशिक सेना के जवान का गोलियों से छलनी शव मिला था। जवान की पहचान हिलाल अहमद भट के रूप में हुई थी, जिसे उसके एक साथी के साथ अगवा कर लिया गया था, जो आतंकवादियों से बच निकलने में कामयाब रहा।