हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के बसोली ग्राम पंचायत के तहत बनाई गई मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अभी बीते दिनों जहां क्षेत्रीय हिन्दुओं ने इस मस्जिद के खिलाफ मुहीम छेड़ते हुए जिला प्रशासन से 7 दिन में इस मस्जिद को गिराने की चेतावनी दी थी। वहीं अब एक बार फिर हिन्दुओं ने मस्जिद के खिलाफ डीसी कार्यालय की ओर रुख किया है। यहां उन्होंने अधिकारियों से बातचीत करते हुए इस मस्जिद के निर्माण के पीछे की योजना बताई और खतरा बताया।
इस बात की जानकारी एक न्यूज वेबसाइट से हुई है। इस वेबसाइट के अनुसार, ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई कर रहे पूर्व सैनिक जोगिंदर सिंह बिंद्रा ने कहा कि उनकी पंचायत क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है ऐसे में इस जगह पर मस्जिद का निर्माण किस उद्देश्य से किया गया है इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब इस जगह पर बड़ी संख्या में बाहरी लोगों के आने जाने का काम भी शुरू हो चुका है ऐसे में स्थानीय लोगों के लिए यह एक बड़ा खतरा हो सकता है। जिसके चलते प्रशासन को कोई भी अप्रिय घटना होने से पहले ही स्थिति को संभालना होगा। जिसके लिए जरूरी है कि इस ढांचे को तुरंत गिराया जाए।
वेबसाइट के अनुसार, एक अन्य पूर्व सैनिक और बसोली के ग्रामीण अनिल कुमार ने कहा कि देशभर में इसी प्रकार से घुसपैठ करने की कई सारी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जहां पहले मस्जिदों का निर्माण किया जाता है और फिर बाहर से लाकर लोगों को आसपास के क्षेत्र में बसा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को भी अब एक शिक्षित समाज में आना चाहिए और मदरसे आदि की शिक्षा को छोड़कर समाज के मुख्य धारा में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि यदि उनके गांव में कोई भी मुस्लिम परिवार होता तो वह कभी भी इस मस्जिद का विरोध नहीं करते। लेकिन बाहर से आकर लोगों द्वारा इस प्रकार के ढांचे खड़े करना कानून व्यवस्था को भी ठेंगा दिखाने जैसा है। जिस पर जल्द कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।