लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा विकसित ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ पोर्टल एवं ‘ई-गन्ना एप’ की एकीकृत वेब बेस्ड पारदर्शी ब्यवस्था के अध्ययन और पोर्टल के तकनीकी संचालन के संबंध में भारत सरकार के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्य के गन्ना आयुक्तों के साथ एक प्रतिनिधि मण्डल 13 व 14 अगस्त को वृहद स्तर पर विश्लेषणात्मक अध्ययन करेगा।
यह जानकारी आयुक्त, गन्ना एवं चीनी प्रभु एन सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता सदस्यों के गन्ने की सुगम एवं निर्बाध आपूर्ति कराने के उद्देश्य से 158 सहकारी गन्ना विकास समितियों, 28 चीनी मिल समितियों एवं 121 चीनी मिलों के मध्य समन्वय स्थापित कर ‘स्मार्ट गन्ना विकास प्रोजेक्ट’ की फलीभूति हुई। इस सफलता से प्रभावित होकर भारत सरकार ने देश के अन्य गन्ना उत्पादक राज्यों में भी इस मॉडल को अपनाने हेतु लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान, लखनऊ के सभागार में बैठक एवं विस्तृत कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में ‘स्मार्ट गन्ना विकास प्रोजेक्ट’ के माध्यम से ऑनलाइन गन्ना सर्वेक्षण, बेसिक कोटा, बेसिक सट्टा आगणन, गन्ना कैलेण्डरिंग, समानुपातिक पारदर्शी पर्ची निर्गमन, गन्ना आपूर्ति एवं पोर्टल के माध्यम से गन्ना मूल्य भुगतान की प्रक्रिया के क्रियान्वयन संबंधी समस्त पारदर्शी ब्यवस्था की जानकारी साझा की जायेगी। स्मार्ट गन्ना विकास प्रोजेक्ट के मूल उदेश्यों यथा कार्याे में सुगमता, एकरूपता व पारदर्शिता के साथ प्रभावी अनुश्रवण, नियंत्रण एवं कृषकों की समस्याओं का ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किये जा रहे त्वरित निदान पर भी चर्चा की जायेगी। पोर्टल एवं ई-गन्ना एप के क्रियान्वयन से संबंधित सैद्धांतिक व व्यवहारिक प्रक्रियाओं तथा जिज्ञासाओं के समाधान हेतु कार्यक्रम के अन्त में प्रश्न प्रहर का भी आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम में अश्विनी श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव (चीनी) भारत सरकार, महाराष्ट्र राज्य के चीनी आयुक्त कुनाल खेमनार, कर्नाटक राज्य के आयुक्त, गन्ना विकास एवं निदेशक चीनी एम.आर. रविकुमार, तमिलनाडु राज्य के अपर आयुक्त शुगर बी. बालामुरूगन अपनी-अपनी टीम सदस्यों के साथ प्रतिभाग करेंगे।