पुणे जिले में स्थित बारामती में एक ऐतिहासिक मुकाबला का इंतजार है, एक तरफ सुप्रिया सुले जो कि एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की बेटी हैं तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (जो कि शरद पवार के भतीजे हैं) की पत्नी सुनेत्रा पवार मैदान मे उतरी हैं। इस पारिवारिक – राजनैतिक संग्राम मे जनता किसका साथ देगी ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
पिछले साल २ जुलाई को अजित पवार ने आठ एनसीपी विधायकों के साथ एनसीपी को छोड़कर शिवसेना के एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर भाजपा से गठबंधन कर लिया और महा विकास आघाडी (एनसीपी, कॉंग्रेस और शिवसेना गठबंधन) की सरकार को सत्ता से बाहर कर कर दिया।
शरद पवार जैसे राजनैतिक धुरंधर भी अपने इस पारिवारिक कलह मे कुछ नहीं कर पाये। वर्षों की कड़ी मेहनत से खड़ी की गयी अपनी पार्टी को बिखरने से नहीं रोक पाये।
1960 के दशक से, बारामती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, बारामती, इंदापुर, दौंड, पुरंदर, भोर, और खडकवासला विधानसभा सीटों को समाहित करते हुए, शरद पवार की बसेरा बनी है।
1991 से अजित पवार ने बारामती का प्रतिनिधित्व किया है, और 2019 में उन्होंने 83 प्रतिशत मतों की अद्भुत जीत हासिल की थी।
सुप्रिया सुले के लिए, इस लोकसभा चुनाव में उनके प्रवेश का अर्थ है, जहां एनसीपी का समर्थन उनके पिता और उनके चचेरे भाई के अनुयायियों के बीच विभाजित होगा। जबकि सुले पवार परिवार के समर्थकों और उनके एक लोकसभा प्रतिनिधि के रूप में उनकी ट्रैक रिकॉर्ड पर निर्भर करती हैं, अजित पवार शिवसेना के कैडरों से अतिरिक्त समर्थन प्राप्त कर सकते हैं, जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में है, साथ ही भाजपा से भी।