लोकसभा चुनाव में दलित वोट बैंक को प्राप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरब से पश्चिम तक अभियान शुरू करेगी। अनुसूचित जाति की अलग-अलग जातियों के बीच पार्टी में काम करने वाले सक्रिय कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। पार्टी ने इसके लिए बड़े स्तर पर योजना तैयार कर रही है।
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 60 फीसदी वोट प्राप्त करने और 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पार्टी को बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के दलित वोट बैंकों पर फोकस करना होगा। जानकारी के मुताबिक, घोसी विधानसभा उप चुनाव के परिणाम साफ़ कर दिया है कि घोसी में दलित वोट बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी (सपा) को मिला है। बसपा के चुनाव नहीं लड़ने और दलित वोट सपा को मिलने से बीजेपी की चिंता और ज्यादा बढ़ गई है।
इसे देखते हुए पार्टी ने होने वाले लोकसभा चुनाव के ध्यान में रखकर दलित वोट बैंक को प्राप्त करने में जुट गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100 नमो मित्र बनाए जाएंगे। नमो मित्र 20 सितंबर से दलित बस्तियों में संपर्क अभियान शुरू करके लोकसभा चुनाव की जमीन तैयार करेंगे। दलित युवाओं को निशाना बनाने के लिए दलित प्रतिभा सम्मेलन का आयोजन कर प्रतिभावान विद्यार्थियों और युवाओं को सम्मानित किया जाएगा।
एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया के मुताबिक, पार्टी की ओर से नवंबर में सभी विधानसभा क्षेत्रों में भीम सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। विशेष तौर पर जाटव बस्तियों में सम्मेलन का आयोजन कर समाज के युवाओं से बातचीत किया जाएगा। युवाओं से बातचीत कर पता लगाने की कोशिश है कि वह पार्टी से क्या चाहते हैं और सरकार को उनके लिए क्या करना चाहिए।
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