उत्तर प्रदेश में योगी सरकार हायर एजुकेशन के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ गंतव्य बनने की तैयारी शुरू कर रही है । उत्तर प्रदेश सरकार ने सेंटर फॉर रिसर्च इन स्कीम्स एंड पॉलिसीज (क्रिस्प) इंडिया के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना का नाम है “पहले यूपी” जिसके अंतर्गत प्रदेश के हायर एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। इसके अंतर्गत कॉलेजों की एनआईआरएफ (National Institutional Ranking Framework) रैंकिंग में सुधार किया जाएगा, जॉब ओरिएंटेड स्किल इंटीग्रेटेड शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, नई शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा, तकनीक पर आधारित शिक्षा, इनोवेशन और उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाएगा।
25 कॉलेजों को 2025 तक एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल करने का लक्ष्य
इस परियोजना के तहत न्यूनतम 25 कॉलेजों को 2025 तक एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल करने का लक्ष्य है। इसके लिए, 78 कॉलेजों का चयन किया गया है, जिनमें से 15 कॉलेजों को चयनित किया गया है। इसके अलावा, अगले 3 वर्षों में 25% कॉलेजों को नेशनल एक्रेडिटेशन एंड अस्सेसमेंट काउंसिल (NAAC) की एक्रेडिटेशन प्राप्त कराने का लक्ष्य है। विभिन्न रणनीतियों को अपनाकर एनआईआरएफ और NAAC की प्रक्रिया शुरू की गई है।
अब मिलेगा जॉब-ओरिएंटेड क्षेत्र में अधिक विकल्प
आपको बता दे, हायर एजुकेशन को स्किल से जोड़ने का प्रयास भी किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को जॉब-ओरिएंटेड क्षेत्र में अधिक विकल्प मिलें। इसके अंतर्गत, 15 सेक्टर स्किल कॉउंसिल ने प्रदेश में अपने चुनिंदा कोर्सेस की शुरुआत की है। इसके अलावा, 1000 से अधिक कॉलेजों में स्किल-बेस्ड कोर्सेस की आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत, 18 ऐक्शनेबल पॉइंट्स के अंतर्गत निगरानी की जाएगी, ताकि इसे हायर एजुकेशन में सफलतापूर्वक लागू किया जा सके।
इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा
जानकारी के मुताबिक, तमाम विभिन्न इनोवेशन, उद्यमिता, और तकनीक पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार इस परियोजना के अंतर्गत 1000 इनोवेशन कॉउंसिल्स स्थापित करने का लक्ष्य रखी है। इससे प्रदेश में इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, रिसर्च कल्चर को पुनर्स्थापित करने की योजना बनाई गई है, ताकि छात्रों का व्यावहारिक ज्ञान बढ़ सके। इसके लिए, फैकल्टी और छात्रों को रिसर्च संबंधी गतिविधियों में बढ़ावा दिया जा रहा है। तकनीक पर आधारित शिक्षा को भी प्रमोट किया जा रहा है। बेस्ट इंस्टीट्यूशन के कोर्सेस को सभी छात्रों के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराने के लिए स्वयं पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही, फैकल्टी और नेतृत्व विकास पर भी प्राथमिकता दी गई है। इसके अंतर्गत, फैकल्टी की ज्ञान, नेतृत्व, और कौशल में सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे।
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