फिल्म आदिपुरुष को लेकर जारी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस फिल्म पर हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि फ़िल्म आदिपुरुष को मंज़ूरी देना बड़ी गलती है। रामायण के जिन पात्रों की पूजा होती है, फ़िल्म में उनका मज़ाक उड़ाया गया है। साथ ही हाईकोर्ट ने सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव और सेंसर बोर्ड के चेयरमैन व फ़िल्म निर्माता से जवाब भी मांगा है।
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कोर्ट ने कहा अगर आप पवित्र क़ुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री भी बनाते हैं तो इसका अंजाम आपको पता लग जाएगा। कोर्ट के सख़्त निर्देश दिए हैं कि क़ुरान, बाइबिल और रामायण को लेकर फ़िल्म नहीं बनानी चाहिए। किसी धर्म के बारे में ग़लत तरीक़े से नहीं दिखाना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा है कि फ़िल्म सर्टिफिकेशन नियम के तहत संबंधित समिति फ़िल्म का पुनरीक्षण करेगी। बता दें कि न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने मामले में दाख़िल याचिका पर ये आदेश दिया है।