महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में श्रावण मास व्यवस्थाओं को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसके अनुसार चार जुलाई से महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही उज्जैन के रहवासियों के लिए अलग से दर्शन व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था 11 जुलाई से लागू होगी।
बैठक में तय किया गया कि महाकाल मंदिर की आय बढ़ाने को लेकर पैकेज तैयार किए जाएंगे। पैकेज लेने वालों को महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था का निश्शुल्क लाभ मिलेगा।
बैठक में बताया गया कि महाकाल मंदिर के अन्न क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। अब अन्न क्षेत्र 15 जुलाई से आरंभ होगा।
बैठक में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष सहित महापौर और अन्य सदस्य मौजूद थे। बैठक के बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मीडिया से चर्चा में बताया है कि महाकालेश्वर मंदिर के अन्न क्षेत्र के विस्तार को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। 15 जुलाई से नया अन्न क्षेत्र शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि श्रावण मास के शुरू होते ही गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। वहीं मंदिर की आय बढ़ाने को लेकर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की ओर से पैकेज बनाने का निर्णय लिया गया है। यह पैकेज पांच लाख से शुरू होंगे। यह पैकेज लेने वालों को महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था का समय-समय पर निश्शुल्क लाभ मिलेगा।
दर्शन के लिए उज्जैन के श्रद्धालुओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, इस व्यवस्था का लाभ उज्जैन में रहने वाले श्रद्धालुओं को ही मिल पाएगा, जिसमें उनके प्रवेश हेतु अलग से द्वार निर्धारित किया गया है।
महापौर मुकेश टटवाल का कहना है कि काफी समय से यह मांग उठ रही थी कि उज्जैन के श्रद्धालुओं को अलग से और निश्शुल्क दर्शन व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए, जिसे मेरे द्वारा मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में रखा गया। उज्जैन के श्रद्धालुओं को 11 जुलाई से आधार कार्ड के आधार पर इस व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा।
यह भी पढ़ें: राममंदिर के लिए विदेशी भक्त भी कर सकेंगे दान, अभी दान पात्र से ही हर महीने मिल रहे 60-70 लाख रुपये
40 रुपये प्रति किलो महंगा हुआ लड्डू प्रसाद – समिति ने भगवान महाकाल के लड्डू प्रसाद के दाम में प्रति किलो 40 रुपये वृद्धि करने का भी निर्णय लिया। अभी लड्डू प्रसाद 360 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। श्रावण मास में यह 400 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। समिति का कहना कि वर्तमान में लड्डू प्रसाद की निर्माण लागत 400.84 पैसे प्रतिकिलो पड़ रही है। दाम 400 रुपये किलो करने के बाद भी समिति को 84 पैसे प्रति किलो नुकसान उठाना पड़ेगा।