बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दिल्ली से सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता पर बात हुई है। नीतीश कुमार के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी केजरीवाल से मिलने आए। बैठक में जदयू नेता ललन सिंह, संजय झा, राजद नेता मनोज झा और आप सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहे।
केंद्र सरकार के अध्यादेश पर केजरीवाल और नीतीश के बीच हुई बात
सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल के बीच दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग और विजिलेंस को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर बात हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर उपराज्यपाल को इसमें शामिल किया है। शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह केंद्र के राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) अध्यादेश को लेकर विपक्षी दलों से बातचीत करेंगे।
केजरीवाल को मिला नीतीश का साथ
केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल को नीतीश कुमार का साथ मिला है। नीतीश कुमार के साथ मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आठवें दिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर पलट दिया। संविधान का उल्लंघन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था।
केजरीवाल ने कहा, “नीतीश कुमार केंद्र द्वारा दिल्ली के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नकारते हुए अध्यादेश लाने के मुद्दे पर दिल्ली की जनता के साथ खड़े हैं। हम इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों से बात कर रहे हैं। अगर केंद्र इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में संसद में लाती है तो सभी गैर-बीजेपी दलों को इसके खिलाफ एकसाथ आना होगा। ऐसा होने पर उन्हें राज्यसभा में हराया जा सकता है।”
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नीतीश कुमार ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था तो हमलोगों को बहुत अच्छा लगा था। केंद्र सरकार द्वारा जो कुछ करने की कोशिश हो रही है वह विचित्र बात है। संविधान को देख लीजिए। चुनी गई सरकार के अधिकार को कैसे हटा सकते हैं? इसलिए तो हम कह रहे हैं कि सारे देश में सबलोगों को एकजुट होना चाहिए। दिल्ली सरकार बहुत अच्छा काम कर रही थी। राज्य सरकार को काम करने से रोक दिया जाएगा, यह बहुत आश्चर्य की बात है। हम इनके साथ हैं।”
विपक्ष को परेशान करती है भाजपा
तेजस्वी यादव ने कहा, “बीजेपी विपक्ष को परेशान करती है। लोकतंत्र में चुनी गई सरकार को जो अधिकार मिले हैं उन्हें कैसे छीना जा सकता है। जिन राज्यों में गैर बीजेपी दलों की सरकार है उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल परेशानी झेल रहे हैं। हम उन्हें समर्थन देने आए हैं।”
12 अप्रैल को भी केजरीवाल से मिलने आए थे नीतीश
एक महीने से अधिक समय में अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार की यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले 12 अप्रैल को नीतीश केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंचे थे। केजरीवाल ने नीतीश के प्रयासों की सराहना की थी और इसके लिए अपना “पूरा समर्थन” दिया था।
विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं नीतीश कुमार
दरअसल, नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। उनकी कोशिश है कि विपक्ष की अधिक से अधिक पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ें ताकि भाजपा का सामना किया जा सके। इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी।
नीतीश ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता उद्धव ठाकरे, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक समेत कई अन्य विपक्षी नेताओं से भेंट की है।