मध्य प्रदेश प्रगतिशील ब्राह्मण महासभा ने सीहोर निवासी सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के जबलपुर में आयोजन की प्रशासनिक अनुमति न दिए जाने के रवैये की निंदा की है। साथ ही इस सिलसिले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने व सड़क पर जन आंदोलन की चेतावनी दी है।
अयोग्यता छिपाने का परिचय
महासभा के प्रदेश संयोजक एडवोकेट आशीष त्रिवेदी, प्रदेश अध्यक्ष पंडित नरेंद्र मिश्रा, युवा प्रदेश अध्यक्ष पं बृजेश दुबे, प्रशांत अवस्थी, असीम त्रिवेदी, प्रवीण तिवारी, रत्नेश मिश्रा व अपूर्व त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि प्रशासन द्वारा आयोजन की अनुमति न देकर बड़े आयोजनों को सम्पन्न कराए जाने की अपनी अयोग्यता को छिपाने का परिचय दिया है। जिला प्रशासन का यह कृत्य धार्मिक आयोजन करने के मूलभुत संवैधानिक अधिकार के उल्लंघन की परिधि में आता है।
धार्मिक व संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात
दरअसल, धार्मिक आयोजन कराने सम्बन्धी अपनी अयोग्यता छिपाने के लिए पहले धारा 144 लगाई गई। इसके बाद धार्मिक आयोजन की अनुमति न देकर जबलपुर शहर की धर्ममय जनता के धार्मिक व संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात किया गया। ज्येष्ठ मास में नर्मदा तट पर शिव महापुराण सुने जाने का विशेष महत्व है। इसके श्रवण से पुण्य लाभ प्राप्त होता है। परंतु जिला प्रशासन की हठधर्मिता के कारण जबलपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों की लाखों जनता शिव महापुराण की कथा से प्राप्त होने वाली पुण्य लाभ से वंचित हो गई। प्रशासन के इस कार्य से यह प्रतीत होता है मध्य प्रदेश सरकार छद्म हिंदू समर्थक होने का ढोंग करती है। वास्तविक रूप में उसकी मानसिकता हिंदू विरोधी है। जबलपुर शहर की जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में धर्म विरोधी सरकार को सबक सिखा देगी।
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प्रशासन का दोहरा चेहरा आ गया सामने
प्रशासन के इस कदम से प्रशासन का दोहरा चेहरा सामने आ गया है। यदि किसी बड़े नेता का आयोजन होता है, तो प्रशासन सारे कार्य छोड़ कर उस आयोजन में लग जाता है। परंतु ऐसे आयोजन जिनसे शहर की धर्म प्रवण जनता को पुण्य प्राप्त होना है, अड़ंगा लगा दिया जाता है। महासभा ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि तत्काल जिला प्रशासन को निर्देशित करे कि वे आयोजन की अनुमति दें अन्यथा सरकार के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाकर व्यापक आंदोलन किया जाएगा। जनहित याचिका भी दायर की जाएगी।