कर्नाटक के शिवमोगा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को जमकर धोया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस ने अपना झूठ फैलाने के लिए एक इकोसिस्टम बनाया है, वो पिछले काफी समय से कर्नाटक में एक गुब्बारा फुला रहा था। इस गुब्बारे पर एक से बढ़कर एक झूठी बातें लिखी हुईं थी लेकिन कर्नाटक की जनता सब जानती है।
किसानों का रखा ध्यान
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘2014 से पहले सुपारी पर न्यूनतम आयात मूल्य 100 रुपए प्रति किलो था, जिसे हमने बढ़ाकर 350 रुपए प्रति किलो कर दिया है। किसानों के लिए किए गए कामों को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े-बड़े संकट के बावजूद हमने देश में फर्टिलाइजर की कमी नहीं होने दी। रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते फर्टिलाइजर की कीमतें बढ़ीं लेकिन उनकी सरकार ने इसका बोझ किसानों पर नहीं पड़ने दिया।’
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कांग्रेस की सरकारों के दौरान हमारा कृषि निर्यात बहुत सीमित था लेकिन आज भारत का कृषि निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। पीएम ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में बेटियों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को पीछे धकेल दिया गया लेकिन भाजपा ने इसके खिलाफ अभियान चलाया और आज ज्यादा से ज्यादा बेटियां स्कूल जा रही हैं।’
कांग्रेस, भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। इस पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘क्या 85 प्रतिशत कमीशन खाने वाली कांग्रेस कर्नाटक के नौजवानों का भविष्य बना सकती है? उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण के आरोप लगाए।’
‘आस्था के प्रतीकों को बेहाल छोड़ा’
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर सफेद झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस ने अगले पांच सालों में 10 लाख नौकरियां निजी सेक्टर में देने का वादा किया है जो कि सफेद झूठ है। भाजपा सरकार ने कर्नाटक में निवेश बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उन्हें कांग्रेस खत्म करना चाहती है। आस्था के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए पीएम ने कहा कि भाजपा पुरातन संस्कृति, विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है लेकिन कांग्रेस इसमें भी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने हमारी आस्था, आध्यात्म के हर प्रतीक को या तो बेहाल छोड़ा या विवादों में रहने दिया।’
हक्की पिक्की जनजाति के सदस्यों के साथ बातचीत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवमोगा में हक्की पिक्की जनजाति के सदस्यों के साथ बातचीत की, जिन्हें ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से सुरक्षित निकाला गया था।