कानपुर में अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन के एक्शन के खिलाफ लोगों के प्रदर्शन के दौरान एक झोपड़ी में अचानक आग लग गई। इस दौरान झोपड़ी में से दो लोग जैसे तैसे जानबचाकर बाहर निकल आए मगर मां-बेटी अंदर ही फंस गए। दोनों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने प्रशासन की टीम पहुंची थी। इसी दौरान पीड़ित परिवार के लोगों ने आत्मदाह की धमकी दी।आत्मदाह की धमकी के बीच ही झोपड़ी में आग लग गई। जिसमें जलकर मां-बेटी की मौत हो गई। रूरा थाना क्षेत्र के गांव मड़ौली की घटना है। प्रशासन पर दबंगों के साथ मिलकर साजिश के तहत आग लगाने का आरोप है।

हंगामा बढ़ा तो पहुंचे आला अफसर
आग से जलकर मां बेटी की मौत का मामला गहराता जा रहा है। घटना स्थल पर सैकड़ो ग्रामीण एकत्रित, लेखपाल की कार को ग्रामीणों ने पलट दिया। मौके पर हंगामा बढ़ते देख कानपुर मंडल के कमिश्नर और एडीजी आलोक सिंह मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिजनों को कमिश्नर और कानपुर जोन के एडीजी समझाने में जुटे। परिजनों के विरोध के चलते पुलिस शव अभी तक न छू सकी है। परिवार जिला प्रशासन पर लापवाही और हत्या का आरोप लगा रहा है। वहीं राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कानपुर की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि दोषियों को नहीं बख्शेंगे। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा पर सीएम संवेदनशील हैं।
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लोग बने रहे तमाशबीन
गौर करने वाली बात ये है कि बुलडोजर एक्शन के दौरान जब आग लगी तो वहां प्रशासनिक टीम भी मौजूद थी और बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद थे जो वीडियो बनाने में लगे रहे। किसी ने भी मां-बेटी को बचाने की जहमत नहीं उठाई। वहीं प्रशासन ने मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं। एसपी का कहना है कि दोनों ने खुद आग लगा दी थी। मृत महिला प्रमिला दीक्षित के पति कृष्ण गोपाल और उनके बेटे शिवम ने प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया।
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