संसद के बजट सत्र आज यानी 31 जनवरी को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संयुक्त रूप से दोनों सदनों को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने देश के विकास के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत‘ की आवश्यकता पर जोर दिया और लोगों से अगले 25 सालों में एक विकसित भारत बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने का आग्रह भी किया। इसके बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। जिसमें अनुमान लगाया कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले फाइनेंशियल ईयर में देश की GDP ग्रोथ 6% से 6.8% रह सकती है, जो फाइनेंशियल ईयर के लिए 7% से कम रहने का अनुमान लगाया गया है।
6.8 % की GDP ग्रोथ का मतलब है कि अगले फाइनेंशियल ईयर में भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी। इसके साथ ही फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में बैंक क्रेडिट ग्रोथ तेजी से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
कोरोना महामारी के दौरान खोई हुई राजकोषीय घाटे की भरपाई करेगी सरकार
सरकार की ओर से कहा गया है कि कि वह एक चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण से नए जोखिमों का मुकाबला करने के लिए कोरोना महामारी के दौरान खोई हुई राजकोषीय जगह के पुनर्निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो पहले से ही घरेलू मांग पर तौलना शुरू कर चुकी है।
इस दशक में बेहतर प्रदर्शन करेगा भारत
CEA वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था की रिकवरी पूरी हो गई है। गैर-बैंकिंग और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में अब अच्छी बैलेंस शीट है, इसलिए हमें अब कोरोना महामारी से उबरने की बात नहीं करनी है, हमें अगले चरण की ओर देखना होगा।
FY23 की पहली 3 तिमाहियों में 13.40 लाख मिला GST
CEA वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि “सरकार 6.4% राजकोषीय घाटे की दिशा में आगे बढ़ रही है। अप्रैल से नवंबर 2022 तक सकल कर राजस्व में 15.5% की वृद्धि हुई है। FY23 की पहली 3 तिमाहियों में GST राजस्व के रूप में 13.40 लाख करोड़ रुपए एकत्र हुए हैं।”
यह भी पढ़ें: भारत सरकार का फंड नहीं है PM Cares, दिल्ली HC को PMO का जवाब- इसे ‘पब्लिक अथॉरिटी’ का लेबल नहीं दिया जा सकता
CEA की देखरेख में तैयार होता है आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण बहुत महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है, जिसे चीफ इकनॉमिक एडवाइजर (CEA) की देखरेख में तैयार किया जाता है। वर्तमान में देश के मौजूदा चीफ इकनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में वर्तमान फाइनेंशियल ईयर और अगले फाइनेंशियल ईयर का अनुमान जारी किया जाता है, जो देश के आर्थिक आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाता है।