जिस तरह से अडानी ग्रुप को लेकर हाइजेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आई है उसपर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। अडानी ग्रुप में एलआईसी की ओर से भी निवेश किया गया है, एलआईसी की ओर से 19000 करोड़ रुपए का निवेश कंपनी में और किया गया है। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार ने लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का नाम बदलकर लूट इन्वेस्टमेंट फॉर क्रोनीस रख दिया है।
खड़गे ने कहा कि एलआईसी के निवेश ने यह साफ इशारा दिया है कि गौतम अडानी जोकि एशिया के सबसे अमीर आदमी हैं, उनकी कंपनी हाइजनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद काफी परेशान हैं, कॉर्पोरेट इतिहास में यह अबतक का सबसे बड़ा घोटाला है। 250 मिलियन से अधिक लोगों के पास देशभर में एलआईसी की पॉलिसी है, यह देश की सबसे अहम संस्था है। एलआईसी ने अडानी ग्रुप की पांच कंपनियों में निवेश किया है, एलआईसी ने अपने निवेश को 1 फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया है। 24 जनवरी तक एलआईसी ने 722.68 बिलियन रुपए का निवेश कर लिया है।
खड़गे ने ट्वीट करके लिखा, हाइजनबर्ग के खुलासे के बाद, एलआईसी शेयर ने पिछले दो दिनों में 22442 करोड़ रुपए गंवा दिए हैं। एलआईसी अडानी ग्रुप में और पैसे डाल रही है। एलआईसी की 29 करोड़ पॉलिसी लोगों के पास है। मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर लूट इन्वेस्टमेंट फॉर क्रोनीस कर दिया है। शनिवार को कांग्रेस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की चुप्पी पर भी निशाना साधा है। कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके लिखा, एलआईसी में लोगों का पैसा है, हाइजनबर्ग की रिपोर्ट के बाद एलआईसी का निवेश अडानी के शेयर में 77000 करोड़ से कम होकर 53000 करोड़ हो गया, एलआईसी के 23500 करोड़ रुपए डूब गया।
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सुरजेवाला ने कहा कि एलआईसी के 22442 करोड़ रुपए के शेयर डूब गए, आखिर क्यों एलआईसी 300 करोड़ रुपए अडानी ग्रुप में निवेश कर रहा है। बीआरएस विधायक के कविता ने कहा कि केंद्र सरकार को सभी सवालों के जवाब देने चाहिए। आखिर कैसे एलआईसी और एसबीआई नीचे जा रहे हैं।