प्रधानमंत्री का एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर वाला सपना और सीएम योगी का मदरसों का कायाकल्प वाला प्रण जिसे साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मदरसों के सूरत और सीरत दोनों ही बदलने के लिए योगी सरकार ने कमर कस ली है। अब ताजा फैसला ये है कि मदरसों में मार्च से एनसीईआरटी का सिलेबस लागू कर दिया जाएगा। मदरसों के बच्चे किसी भी लिहाज से सामान स्कूलों के बच्चों से पीछे नहीं रहे इसके लिए योगी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। अब मदरसों के बच्चों को कंपीटेटिव बनाने के लिए 18 जनवरी को एक और बड़ा फैसला लिया गया।
यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड ने ऐलान कर दिया कि अगले सत्र में मदरसों के बच्चों के लिए एनसीईआरटी सिलेबस को लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश सरकार के इस फैसले के पीछे मकसद ये है कि बच्चों को धर्म के साथ विज्ञान की भी शिक्षा मिल सके। मदरसा बोर्ड ने कहा है कि ये फैसला समय की मांग है। इसके अलावा ये भी फैसला लिया गया है कि अब मदरसों में साप्ताहिक अवकाश का समय बदला जाएगा। ये शुक्रवार की जगह सामान्य स्कूलों की तरह रविवार किया जाएगा। मदरसे के बच्चों के लिए सामान्य स्कूलों की तरह ड्रेस कोड लागू करने का भी फैसला लिया गया है। जिसमें बच्चे शर्ट-टाई और पैंट में नजर आएंगे।
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गौरतलब है कि इससे पहले बीते वर्ष उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्टार की तरफ से सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में कहा गया था कि इस साल 24 मार्च को हुई परिषद की बैठक में राज्य के मान्यता प्राप्त अनुदानित, गैर अनुदानित मदरसों में नए शैक्षिणिक सत्र शुरू होने से पूर्व अन्य दुआओं के साथ संवेद स्वर में शिक्षकों, छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रगान गाने का निर्णय लिया गया है।