कभी बेहद ताकतवर रही कांग्रेस (Congress) आज अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष करती दिख रही है। 2022 में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 2024 की तरफ कदम आगे बढ़ाए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) शुरू की। उसके बाद कांग्रेस ने 24 साल बाद किसी गैर गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष की सीट पर बैठाया। अब राहुल भारत जोड़ो य़ात्रा लेकर दिल्ली पहुचे तो वो टीशर्ट में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की समाधि पर पहुंच गए। राहुल का ये मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। गए तो वो पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा-राजीव, चौधरी चरण सिंह, बाबू जगजीवन राम की समाधि पर भी। लेकिन खबर बनी वाजपेयी को पुष्पांजलि देने की बात। सियासी हलकों में माना जा रहा है कि राहुल सधे हुए कदमों से अपनी इमेज को नया कलेवर दे रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र कहती हैं कि देश को सभी ने मिलजुलकर बनाया। हर एक का अपना योगदान है। किसी को कम करके नहीं आंका जा सकता। कांग्रेस सभी के योगदान को याद करती है। उनका कहना था कि अटल बिहारी वाजपेयी ने ही नरेंद्र मोदी को राजधर्म के पालन का संदेश दिया था। कांग्रेस का वाजपेयी की तरफ स्टैंड पहले से काफी सॉफ्ट है। सोनिया गांधी पहले कह चुकी हैं कि वाजपेयी ने कभी बदले की राजनीति नहीं की। वो कभी भी राजनीति को घटिया स्तर तक नहीं ले गए। ध्यान रहे कि वाजपेयी से कांग्रेस के रिश्ते पहले से अच्छे थे। राजीव गांधी को जब उनकी बीमारी का पता चला तो उन्होंने उनको विदेश भेजा और इलाज कराया। खुद वाजपेयी भी राजीव गांधी की इस दरियादिली के कायल थे।
वाजपेयी की समाधि पर पहली बार गया कोई गांधी
गांधी परिवार का कोई सदस्य या कांग्रेस का कोई शीर्ष नेता पहली बार वाजपेयी की समाधि पर पहुंचा है। वाजपेयी की 25 दिसंबर को जयंती थी। कांग्रेस के अनुसार, पहले राहुल गांधी का शनिवार शाम ही इन नेताओं की समाधियों पर जाने का कार्यक्रम था, लेकिन पदयात्रा पूर्ण होने में समय लग जाने के कारण इस कार्यक्रम में बदलाव किया गया। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में करीब 3,000 किलोमीटर की दूरी तय करके दिल्ली पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने इन प्रमुख नेताओं की समाधियों पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
पदयात्रा करते हुए राहुल और कई अन्य ‘भारत यात्री’ शनिवार को दिल्ली में दाखिल हुए थे। कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई यह यात्रा अब तक नौ राज्यों-तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से गुजर चुकी है। यात्रा लगभग आठ दिनों के विराम के बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और अंत में जम्मू कश्मीर की ओर बढ़ेगी।