गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनाव के नतीजे बीच आम आदमी पार्टी ने अपने दिल्ली कार्यालय की छत पर एक बड़ा-सा बोर्ड टांग दिया है। उस पर लिखा है- AAP के राष्ट्रीय पार्टी बनने पर सभी देशवासियों को बधाई। एक दिन पहले ही दिल्ली एमसीडी (MCD) चुनाव में बंपर जीत दर्ज करने वाली आप को शुरुआती रुझानों में गुजरात विधानसभा चुनाव में लगभग 14% वोट मिलते दिख रहे हैं, जबकि वह कम से कम 5 सीटों पर आगे भी है। यानी गुजरात में उसका पहली बार खाता खुलते नजर आ रहा है।
दूसरी ओर, पंजाब में उसकी और राजधानी दिल्ली में उसकी सरकार है। वहीं, इससे पहले गोवा में उसे 2 सीट मिली थी और उसका वोट प्रतिशत 6.8 रहा था। हालांकि, हिमाचल में उसे किसी भी सीट पर बढ़त अभी तक नहीं मिली है। बावजूद इसके उसकी मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता है। आंकड़ों के लिहाज से भी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) नेशनल पार्टी बनती दिख रही है।
कैसे हासिल होता राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए अलग-अलग पैमाना और मापदंड हैं, जिस पर खरा उतरने के बाद ही उसे यह मान्यता मिलती है। यह मान्यता निर्वाचन आयोग की ओर से दी जाती है। एक मान्यता प्राप्त दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए कुछ शर्त है, जिसे पूरा करना होता है। इलेक्शन कमीशन शर्तों में कम से कम किसी एक शर्त को पूरा करना होता है।
पहला: कोई भी दल जिसे चार राज्यों में प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) का दर्जा प्राप्त है उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होता है।
दूसरा: कोई दल तीन अलग- अलग राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतती है। यानी कम से कम 11 सीटें जीतना जरूरी होता है, लेकिन यह 11 सीटें किसी एक राज्य से न होकर 3 अलग-अलग राज्यों से होनी चाहिए।
तीसरा: यदि कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।
पर दी गई शर्त में से किसी एक शर्त को पूरा करने वाले दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होता है। लोकसभा सीटें, वोट प्रतिशत यह तो समझ आता है लेकिन क्षेत्रीय दल (स्टेट पार्टी ) का दर्जा कैसे हासिल होता है। इसके लिए क्या नियम और शर्त है?
स्टेट पार्टी का दर्जा कैसे होता है हासिल
1. चुनाव आयोग से किसी भी मान्यता प्राप्त दल को प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) या यूं कहे कि स्टेट पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए आठ फीसद वोटों की जरूरत होती है। संबंधित राज्य में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 8 प्रतिशत वोट पाने की जरूरत होती है।
2. यदि किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में छह फीसद वोट और दो सीटें मिलती है तो उसे प्रादेशिक पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
3. प्रादेशिक दल का दर्जा प्राप्त करने एक और तरीका है कि संबंधित राज्य में विधानसभा में कम से कम तीन सीटें मिल जाएं भले ही वोटों की हिस्सेदारी कुछ भी हो।
भारत में राष्ट्रीय दलों की संख्या कितनी
सिंबल ऑर्डर 1968 के तहत अगर कोई दल राष्ट्रीय पार्टी का अपना दर्जा गंवा देता है तो उसके बाद उसके पास पूरे देश में एक ही चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होता है। 1968 से पहले आयोग कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के तहत नोटिफिकेशन और एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करता था। चुनाव आयोग के अनुसार फिलहाल आठ राष्ट्रीय दल, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी हैं।