मुंबई के पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना सांसद व उद्धव ठाकरे के प्रमुख सहयोगी संजय राउत बुधवार को जेल से जमानत पर रिहा हुए। राउत को शाम करीब 6 बजकर 50 मिनट पर आर्थर रोड से रिहा किया गया। हालांकि संजय राउत की जमानत निलंबित करने की ईडी की याचिका पर आज सुनवाई होगी।
जेल से बाहर आते ही शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता ने विरोधियों पर हमला बोला। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा “अब उन्हें पता चल जाएगा कि उन्होंने मुझे गिरफ्तार करके कितनी बड़ी गलती की है। देश की राजनीति में संजय राउत को गिरफ्तार करना सबसे बड़ी भूल होगी। कोर्ट ने कहा कि संजय राउत की गिरफ्तारी अवैध है। संजय राउत ने कोई अपराध नहीं किया है। कोर्ट ने यह कहा तो वह हाईकोर्ट की तरफ भागे। उन्हें भागने दो। मुझे कितनी भी बार गिरफ्तार करो। मैं शिवसेना से दूर नहीं जाऊंगा। यह भगवा नहीं छोडूंगा। मैं इस भगवा के साथ पैदा ही हुआ था।”
यह भी पढ़ें: मुस्लिम परिवार के 9 सदस्यों ने अपनाया हिंदू धर्म, बोले- पूर्वजों ने इस्लाम कबूल किया, हम कर रहे वापसी
मुंबई की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से जुड़े कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना नेता संजय राउत को ज़मानत दी। शाम को राउत अपने भांडुप स्थित घर पहुंचे तो उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस मामले में वह तीन महीने से अधिक समय से जेल में बंद थे। इस वजह से जब वह जेल से निकले तब शिवसेना (उद्धव गुट) के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
60 वर्षीय राउत ने मीडिया से कहा कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ही असली शिवसेना है जिसकी स्थापना दिवंगत बाल ठाकरे ने की थी। महाराष्ट्र का वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य अस्थायी है। बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को पिछले तीन महीनों में तोड़ने और नष्ट करने की कोशिश की गई। लेकिन यह टूटी नहीं है।