कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले दो गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरएस लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। भाजपा ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि गांधी परिवार और उनसे जुड़े संगठन कानून से ऊपर नहीं हो सकते। उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से यह कार्रवाई की गई है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) के एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने के गृहमंत्रालय के फैसले ने उनके भ्रष्टाचार को उजागर किया है।
सरकार ने कानून और संविधान के अनुसार की कार्रवाई : भाजपा
पात्रा ने यह भी दावा किया कि जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी। तब राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) ने विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक, चीनी दूतावास, चीनी सरकार, यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर सहित कई लोगों से दान प्राप्त किया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, मोदी सरकार ने कानून और संविधान के अनुसार काम किया है। किसी में भी जाकिर नाइक जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं था। नाइक अभी आंतक के आरोपों की जांच का सामना कर रहे हैं और यूपीए सरकार के दौरान भारत से भाग गए थे।
भाजपा ने चीन से चंदा लेने का लगाया आरोप
पात्रा ने राहुल गांधी की तत्कालीन चीनी राजदूत के साथ बैठक को लेकर आरोप लगाया और कहा कि डोकलाम संकट के दौरान जब भारतीय सेना, चीनी सेना के साथ गतिरोध में थी, गांधी परिवार ‘चीनी तम्बू’ में था।
उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी अतिरिक्त संवैधानिक अधिकार के साथ यूपीए सरकार और गैर सरकारी संगठनों को चला रही थीं। इन निजी संगठनों को तत्कालीन सत्तारूढ़ सरकार से संरक्षण प्राप्त था, क्योंकि कई मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) ने उन्हें दान में बड़ी राशि दी थी।
कांग्रेस ने बताया ‘राजनीतिक दुर्भावना’ की कार्रवाई
उधर, इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस नेता व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में कई ट्वीट्स किए। उन्होंने कहा, राजीव गांधी फाउंडेशन अनाथों, महिलाओं एवं दिव्यांगों की सेवा का काम करता है। राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्त महिला सशक्तिकरण एवं दृष्टिबाधितों की सेवा का कार्य कर रहा है।
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गहलोल ने कहा, आरजीएफ और आरजीसीटी का एफसीआरए लाइसेंस रद्द करना मोदी सरकार की राजनीतिक दुर्भावना का प्रतीक है। इन दोनों संस्थानों का भूकम्प, सुनामी, कोविड समेत हर आपदा में पीड़ितों की मदद का इतिहास रहा है। ऐसे कुप्रायासों से मोदी सरकार जनता की नजरों में खुद ही एक्सपोज कर रही है।
‘गांधी परिवार’ को बदनाम करने का एक और प्रयास : गहलोत
कांग्रेस नेता ने कहा, सिर्फ राजनीतिक कारणों से इन संस्थानों पर हमला करना मोदी सरकार द्वारा गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए किया गया एक और कुप्रयास है। मोदी सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, गांधी परिवार को जनता की सेवा करने से नहीं रोक सकती है।
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