शशि थरूर प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के रवैये को लेकर एक दिन पहले ही अपनी पीड़ा सार्वजनिक कर चुके थे। शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में फिर उन्हें सच्चाई से सामना हुआ कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के प्रचार में उनका बायकाट जैसा ही कुछ चल रहा है। शुक्रवार को अपने मतदाताओं ( डेलीगेट्स) से मिलने थरूर पटना आए तो 594 में 10 डेलीगेट्स ही उनके कार्यक्रम में दिखे। ज्यादा से ज्यादा इनकी संख्या 12 भी हो सकती है। स्वागत में पार्टी का कोई बड़ा नेता नहीं था। उनके समर्थकों ने कहा कि अधिसंख्य बड़े नेताओं के मोबाइल फोन उनके पटना पहुंचते ही स्वीच आफ या आउट आफ रेंज हो गए।
मलिकार्जुन आए तो भरा था सदाकत आश्रम
इसके पहले 11 अक्टूबर को जब मलिकार्जुन खड़गे आए थे, तो सदाकत आश्रम खचाखच भरा था। मंच से लेकर नीचे तक बिहार कांग्रेस के सितारे मौजूद थे। अशोक राजपथ (जिस सड़क पर सदाकत आश्रम है) पर कांग्रेस के भावी अध्यक्ष के स्वागत वाले बैनर पोस्टर भरे पड़े थे। खड़गे के लिए वोट मांगने एक दिन पहले ही वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी पटना पहुंच चुके थे। मंच पर राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा, चंदन बागची, पूर्व मंत्री अवधेश कुमार के लिए कुर्सियां लगी थीं। नीचे हाल में प्रदेश अध्यक्ष, विधानमंडल दल के नेता से लेकर सभी कार्यकारी अध्यक्ष और डेलीगेट्स के लिए बैठने के इंतजाम थे।
थरूर आए तो गेट पर सिर्फ एक बैनर दिखा
खड़गे के साथ तमाम विधायक, पार्टी के बड़े लीडर के लिए बड़े होटल से खाने-पीने के पैकेट मंगाए गए थे। कार्यक्रम कुछ घंटे ही चला, लेकिन पता चल गया था कि कांग्रेस का आधिकारिक समर्थन किस उम्मीदवार के साथ है। वहीं थरूर आए तो गेट पर सिर्फ एक बैनर दिखा। उनके साथ कांग्रेस सदस्यता अभियान के अध्यक्ष ब्रजेश प्रसाद मुनन, सत्येंद्र सिंह, अमरेंद्र सिंह, राजेश राठौड़ और अजय सिंह जैसे कुछ ऐसे नेताओं को देखा गया, जो औपचारिकता पूरी कर रहे थे।
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स्वागत भी फीका रहा
थरूर के पटना आने की सूचना गुरुवार की देर शाम आ गई थी। थरूर को शुक्रवार चार बजे पटना पहुंचना था। साढ़े चार बजे प्रेस से मिलने के बाद उनका डेलीगेट्स से वोट अपील का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष को मिली। जहां से कुछ बड़े नेताओं, कुछ कार्यकारी अध्यक्ष तक यह सूचना पहुंचाई गई। शुक्रवार को तय कार्यक्रम के अनुसार शशि थरूर करीब ने 4:15 बजे एयरपोर्ट पहुंचे। यहां स्वागत भी फीका रहा। इक्का-दुक्का नेता और कुछ कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर थरूर का स्वागत किया। इसके बाद थरूर सदाकत आश्रम पहुंचे। यहां भी माहौल सूखा-सूखा रहा। थरूर के स्वागत में कोई बड़ा नेता नहीं था। प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने बताया कि वह तो दरभंगा में थे।