केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को बारामूला में अपनी रैली के दौरान स्पीच रोक दी। वजह थी अजान। गृह मंत्री ने कहा- मुझे चिट्ठी मिली कि मस्जिद में प्रार्थना का समय हुआ है, अब समाप्त हो गया है। अगर कहें तो स्पीच फिर से शुरू करूं क्या?
बारामूला में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि गुपकार मॉडल में युवाओं के लिए पत्थर, बंद कॉलेज, बंदूक हैं। मोदी मॉडल में युवाओं के लिए IIM, IIT, AIIMS, NEET हैं। युवाओं को पत्थर नहीं, पढ़ाई-लिखाई चाहिए। शाह तीन दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। बुधवार को उनके दौरे का आखिरी दिन है।
बारामूला रैली में शाह की 5 बड़ी बातें..
1. हमें सलाह दी जाती है पाकिस्तान से बात करो, हम कश्मीरियों से बात करेंगे- शाह
शाह ने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर को देश की सबसे शांतिपूर्ण जगह बनाना चाहते हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि हमें पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए। हम पाकिस्तान से बातचीत क्यों करें? हम बातचीत नहं करेंगे। हम बारामूला के लोगों से बातचीत करेंगे। हम कश्मीर के लोगों से बातचीत करेंगे। नरेंद्र मोदी सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी। हम इसका सफाया कर देंगे।
2. पहले टेररिस्ट हॉटस्पॉट था, आज टूरिस्ट हॉटस्पॉट
शाह ने टूरिज्म पर भी बातचीत की। कहा- पहले यह टेररिस्ट हॉटस्पॉट था, आज टूरिस्ट हॉटस्पॉट है। पहले यहां हर साल 6 लाख सैलानी आते थे। अक्टूबर तक 22 लाख सैलानी आए हैं। इससे कई युवाओं को रोजगार मिला है।
3. लोग बदलाव का स्वागत करते हैं तो लोकतंत्र मजबूत होता है
शाह ने कहा, “आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर में लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। जब लोग बदलाव का स्वागत करते हैं तो लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में रिकॉर्ड तोड़ 50 लाख पर्यटक जम्मू आए हैं और 22 लाख पर्यटक कश्मीर गए हैं। पर्यटन से जम्मू-कश्मीर के युवाओं को काफी फायदा होगा।
4. जिनके हाथों में पत्थर थे, उन्हें मोदीजी ने कंप्यूटर दिया
गृह मंत्री ने कहा कि PM मोदी ने उन युवाओं को कंप्यूटर और रोजगार दिया, जिनके हाथ में पहले पत्थर थे। पहले पथराव की घटनाएं होती थी, क्या आपने अब ऐसी कोई घटना देखी है? अब ऐसी कोई घटना नहीं है। हमें अब जो बदलाव आया है उसे समझना होगा। हमने प्रशासन में उन लोगों की पहचान की है जो आतंकवाद का समर्थन कर रहे थे और उन्हें जड़ से उखाड़ फेंका है।
5. मोदी ने जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत को गांव-गांव पहुंचाया
शाह बोले, “पहले कश्मीर में जम्हूरियत की व्याख्या थी- तीन परिवार, 87 विधायक और 6 सांसद। प्रधानमंत्री जी ने जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत को जमीन तक, गांव तक पहुंचाने का काम किया है। मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव होंगे।”
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एक दिन पहले पहाड़ी समुदाय के लिए बड़ी घोषणा की थी
शाह मंगलवार को राजौरी में थे। इस दौरान उन्होंने पहाड़ी, गुज्जर और बकरवाल को आरक्षण का आश्वासन दिया। कहा कि इसका काम शुरू हो गया है और आरक्षण जल्द मिलेगा। गृहमंत्री सोमवार शाम तीन दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद अमित शाह का जम्मू में यह पहला दौरा है, जबकि कश्मीर में वो इससे पहले भी एक बार आ चुके हैं।