चुनावी साल में पीएम मोदी ने खेला यह दांव! सत्ता वापसी के लिए कितनी कामयाब होगी ये योजना

हिमाचल में दोबारा सत्ता वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लोकल कनेक्शन वाला’ दांव बिलासपुर की जमीन से चल दिया है। मोदी ने बुधवार को बिलासपुर में तकरीबन 37 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करते हुए न सिर्फ अपना हिमाचल का पुराना नाता जोड़ा बल्कि विकास की नींव पर पूरी चुनावी चौसर भी सजा दी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली बूस्टर डोज के तौर पर हिमाचल में देखी जा रही है, जिसमें नरेंद्र मोदी ने इमोशनल से लेकर डेडीकेशन का कार्ड खेल दिया है।

चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिमाचल में यह पहली सबसे बड़ी सभा थी। जिसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश को 37000 करोड़ की योजनाओं को राज्य के नाम समर्पित किया। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में खुले एम्स और हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के लोगों से रूबरू होकर खुद को हिमाचल का ही बताया। राजनीतिक विश्लेषक श्रीचंद्र ठाकुर कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब बिलासपुर के मंच से यह कहा कि वह कैसे इसी शहर की गलियों में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ घूमने निकलते थे, तो इसका संदेश सिर्फ बिलासपुर ही नहीं बल्कि हिमाचल के मैदानी इलाकों से लगने वाले जिलों से शुरू होकर लाहौल स्पीति के दुर्गम पहाड़ियों तक पहुंचा।

1995 से लेकर 2000 तक हिमाचल प्रदेश के इंचार्ज रहे थे पीएम

ठाकुर कहते हैं कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1995 से लेकर 2000 तक जब हिमाचल प्रदेश के इंचार्ज थे, तो उन्होंने किस तरीके से हिमाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों में जाकर खाक छानी थी। क्योंकि अब फिर विधानसभा का चुनाव है तो निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह लोकल कनेक्शन लोगों को बहुत कनेक्ट करने वाला है। उनका कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से सीधे जुड़ने में माहिर भी है और यह मजबूती तब और ज्यादा प्रगाढ़ हो जाती है जब वह उसी राज्य में कई सालों तक बतौर प्रभारी रहकर काम कर चुके हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान लोकल कनेक्शन को जमकर भुनाया। मोदी ने बिलासपुर में 37 हजार करोड़ की योजनाओं को जनता के सुपुर्द करते हुए कहा कि उन्होंने यहां की रोटी खाई है तो कर्ज भी चुकाना है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने खुद को हिमाचल का बेटा बताते हुए कहा कि अब यहां पर “अटकने लटकने और भटकने” वाली योजनाएं नहीं चलने वालीं। प्रधानमंत्री मोदी के ऐसे भाषण के छोटे-छोटे संदेश का मतलब बताते हुए राजनीतिक जानकार सुधीर कुमार श्रीधर कहते हैं कि बुधवार को हिमाचल प्रदेश में हुई रैली प्रधानमंत्री मोदी की पहली सबसे बड़ी चुनावी रैली मानी जा सकती है। श्रीधर कहते हैं कि प्रधानमंत्री के तकरीबन 34 मिनट के भाषण का अगर आप पूरा सार निकालें, तो यही था कि वह हिमाचल के कितने करीब हैं और हिमाचल के डेवलपमेंट को लेकर वह कितने समर्पित रहते हैं। उनका कहना है कि यह बात बिल्कुल सच है कि पुराने समय में जो काम पुरानी सरकार नहीं कर पाई वह मोदी सरकार ने हिमाचल के लिए बेहतर तरीके से करके दिखाया है।

स्पिति के काजा में रहने वाले होटल व्यवसाई मनोज शर्मा कहते हैं कि यह बात सच है कि राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार के रहते हिमाचल में विकास तो हुआ है। शर्मा कहते हैं कि शिक्षा और चिकित्सा के अलावा सड़कों के नेटवर्क को जिस तरीके से इस सरकार में बनाया गया है उससे लगता है कि विकास हो रहा है। शर्मा कहते हैं कि निजी तौर पर वह भाजपा की विचारधारा से भले ही प्रभावित न हों, लेकिन उनके डेवलपमेंट के मॉडल को वो इनकार नहीं कर सकते हैं। उनका कहना है कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बिलासपुर में अपना सीधा कनेक्शन हिमाचल से जोड़ते हैं तो प्रदेश में किया जाने वाला विकास उसको बूस्टर डोज के तौर पर और आगे बढ़ा देता है।

लोकल कनेक्ट को और करेंगे मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर 37 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के साथ-साथ पूरे राज्य में चल रही रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की तकरीबन 50 हजार करोड़ की योजनाओं का उल्लेख करते हुए यह बताने का प्रयास किया कि केंद्र और राज्य सरकार की डबल इंजन सरकार कितना विकास करती है। दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता अरुण चंदेल कहते हैं कि डेवलपमेंट के साथ-साथ इमोशनल कार्ड और लोकल कनेक्ट यह बताता है कि आने वाले चुनावों में आप कितनी मजबूती के साथ मैदान में उतरने वाले हैं। चंदेल कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश में अपनी एक सभा के माध्यम से यह संदेश दे दिया कि आने वाले दिनों में चुनावी जनसभाएं इसी राजनीति अवसर पर ही आगे बढ़ेंगी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकल कनेक्ट होगा और डेवलपमेंट का वह मॉडल पेश किया जाएगा जो बीते कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया है।

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भाजपा से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जो काम बीते कई दशकों में हिमाचल में नहीं हुआ, वह उनकी सरकार ने करके दिखाया है। इसलिए आने वाले दिनों में अपने इसी विकास के मॉडल के साथ भाजपा चुनावी मैदान में उतरेगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि आने वाले दिनों में जो भी जनसभाएं होंगी या केंद्र के बड़े नेता हिमाचल में जाकर चुनावी जनसभाएं करेंगे, उसमें हिमाचल प्रदेश को एक बड़े और विकासशील राज्य के तौर पर ही आगे बढ़ाने का पूरा खाका पेश किया जाएगा। वह कहते हैं कि बीते पांच सालों में जिस तरीके से हिमाचल प्रदेश में विकास की योजनाएं जमीन पर उतरी हैं, वह अगली सरकार बनने के साथ दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ेंगी।