“मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि मेरा घर ठीक है या नहीं. क्या पुलिस ने इसे ध्वस्त कर दिया है या किसी ने इस पर कब्जा तो नहीं कर लिया है?” यही वो बातचीत थी जिसने दिल्ली पुलिस को दिल्ली दंगों के आरोपी तक पहुंचाया. पुलिस ने आरोपी द्वारा पिछले महीने पड़ोसी को की गई इस कथित कॉल को ट्रैक किया था. पुलिस ने मामले में एक 33 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी को एक हेड कांस्टेबल की हत्या में कथित भूमिका के लिए भगोड़ा घोषित किया गया था. वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों में 50 से अधिक पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार आरोपी की पहचान मोहम्मद वसीम के रूप में हुई है, जो झूठे नाम से अलीगढ़ में बसने से पहले यूपी के विभिन्न हिस्सों में छिपा था. पुलिस ने कहा कि दो बच्चों के पिता वसीम ने इस दौरान अपने परिवार से संपर्क नहीं किया था. इस बीच, उनका परिवार दिल्ली के दयालपुर इलाके में अपने घर से भाग गया था.
देसी बम बनाकर पुलिस पर किया था हमला
पुलिस ने कहा कि वसीम पर कथित तौर पर देसी बम बनाने और दंगों के दौरान पुलिस पर बम और अन्य हथियारों से हमला करने का आरोप है. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने दंगा करने और हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के आरोप में 22 लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन वसीम और उसके चार साथी उस समय भागने में सफल रहे थे. उन्होंने उस फोन को भी नष्ट कर दिया था जिसका वह इस्तेमाल कर रहे थे.
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53 से अधिक लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि एंटी सीएए प्रोटेस्ट के बाद दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को दंगा भड़क उठा था. आईबी अधिकारी अंकित शर्मा और लाल सहित 53 से अधिक लोगों की मौत हो गई, और पांच दिनों में 550 से अधिक लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने बाद में 758 मामले दर्ज किए और दंगा, हत्या, डकैती, हमला, आपराधिक साजिश और यूएपीए के तहत धाराओं सहित विभिन्न आरोपों में 2500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था.