मदरसों का सर्वे कराए जाने को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। ओवैसी ने मंगलवार को पूछा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार केवल मदरसों का ही सर्वे क्यों करा रही है? एआईएमआईएम नेता ने कहा कि यूपी सरकार को मदरसों के साथ-साथ सरकारी, मिशनरी और प्राइवेट स्कूलों का भी सर्वे कराना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि ‘देश में अगर गलत चीजें होंगी तो वह उसके खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।’
रजिस्टर्ड मदरसों के शिक्षकों को वेतन नहीं मिला-ओवैसी
ओवैसी ने कहा, ‘देश में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। वह गलत चीजों के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे। इतिहास इस चीज को याद रखेगा कि कोई था जो आवाज उठाता था।’ योगी सरकार पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि यूपी में जो रजिस्टर्ड मदरसे हैं उनके शिक्षकों को अभी वेतन नहीं दिया गया है। उत्तर प्रदेश में जितने भी स्कूलों ने अच्छा काम किया है उसके बारे में राज्य सरकार को रिकॉर्ड पेश करना चाहिए। यही नहीं राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं जिन्हें भरा नहीं जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं
उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है। हर जिले में तहसील के उप जिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सर्वे टीम के सदस्य होंगे।
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मदरसों को 10 हजार करोड़ रुपए का दान मिला
यूपी में मदरसों का सर्वे क्यों जरूरी है तो इसके लिए अब आपके सामने डेटा रखते हैं। एनसीपीसीआर की रिपोर्ट में मदरसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा है कि मदरसों को करीब दस हजार करोड़ रुपए डोनेशन के जरिए मिले लेकिन हैरानी की बात ये है कि मदरसा के बच्चों के खाने पर खर्च पचास फीसदी कम हो गया है। ऐसे में सवाल है कि आखिर पैसा जा कहां रहा है।