देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे व मनोज तिवारी समेत नौ लोगों को एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर उपायुक्त पर निशाना साधा है।
देवघर एयरपोर्ट पर दवाब बनाकर जबरन ATC क्लियरेंस लेने के आरोप पर निशिकांत दुबे ने कहा, क्या सरकार एक सांसद के निर्देश पर काम करती है? हवाई अड्डा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) का है। एसटीसी की निगरानी डीजीसीए द्वारा की जाती है। वहीं सुरक्षा बीसीएएस के अधीन है। उन्होंने कहा था कि उपायुक्त को पता है कि हाईकोर्ट के सामने यह मामला नहीं टिकेगा, क्योंकि अगर एयरपोर्ट पर कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार निदेशक होता है।
सब कुछ समय पर किया गया
आरोपों का खंडन करते हुए दुबे ने कहा, निदेशक का कहना है कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है और सबकुछ समय पर किया गया। एटीसी, एएआई, बीसीएएस, डीजीसीए मामला दर्ज नहीं कर रहे हैं, लेकिन देवघर उपायुक्त कानूनों का हवाला दे रहे हैं। वह ऐसा क्यों कर रहे हैं? वह जिस रात की बात कर रहे हैं, उस पर 15 सितंबर को सुनवाई होगी। उन्होंने गलत हलफनामा दायर किया है। दुबे ने कहा, हमने एयरपोर्ट अथॉरिटी से इजाजत ली थी। सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि मैं नंगे पांव जा रहा था, इसलिए मेरा बेटे मेरे जूते-चप्पल लेकर मेरा पीछे भाग रहा था और मुझसे पहनने के लिए कह रहा था। उन्होंने कहा, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने जानबूझकर यह केस दर्ज कराया है।
यहां पढ़ें क्या है पूरा मामला
बता दें कि मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा और निशिकांत दुबे दुमका छात्रा हत्याकांड मामले में परिजनों से मिलने चार्टर्ड प्लेन से देवघर पहुंचे थे। एयरपोर्ट से शाम छह उड़ान की इजाजत थी लेकिन सांसद पर जबरन शाम पांच बजकर 30 मिनट पर क्लियरेंस लेने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद ही अधिकारी ने एयरपोर्ट की सुरक्षा का हवाला देते हुए शिकायत दर्ज करवाई है।