शिवसेना पर किसका अधिकार? उद्धव ठाकरे का या एकनाथ शिंदे का? सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई में भी यह फैसला नहीं हो सका। अब सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना रुख साफ करेगा। गुरुवार की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) से अनुरोध किया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ नहीं हो जाता, तब तक वह इस पर कोई फैसला न करे कि शिवसेना पर किसका अधिकार है। माना जा रहा है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला करेगा कि मामले को संवैधानिक पीठ को सौंपा जाए या नहीं। यदि संवैधानिक पीठ को सौंपा जाता है तो केस लंबा चलेगा, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो फैसला जल्द संभव है।
बता दें, उद्धव गुट के लिए जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग की 8 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर रोक लगा दे। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से इस बात के प्रमाण बुलाएं हैं कि पार्टी पर उनका अधिकार है। 8 अगस्त को दोपहर 1 बजे तक ये दस्तावेज सौंपे जाने हैं और इसके बाद चुनाव आयोग सुनवाई करेगा। उद्धव गुट को आशंका है कि चुनाव आयोग एकनाथ शिंदे का पक्ष में फैसला दे सकता है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस पर रोक लगाने की मांग तेज की जा रही है।
गुरुवार को सबसे पहले शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखा। हरीश साल्वे ने यह बात कही है कि ये विधायक अभी भी शिवसेना में हैं। उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है। यह लोकतंत्र ही है कि पार्टी में रहते हुए भी अपनी असहमति जताई जा सकती है। ऐसे में किसी विधायक को अयोग्य कैसे ठहराया जा सकता है। बता दें, बुधवार को इसी मुद्दे पर उद्धव गुट ने दलील रखी थी और कहा था कि बागी विधायक अयोग्य हैं क्योंकि उन्होेंने व्हीप का उल्लंघन किया है।
चुनाव आयोग के वकील भी हुए शामिल
आज की सुनवाई की सबसे खास बात यह है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील को भी बुलाया है। सुनवाई के दौरान सवाल उठा कि क्या चुनाव आयोग को यह फैसला लेने का अधिकार है या नहीं कि असली शिवसेना किसकी है। जजों ने कहा कि यदि कोई आयोग के पास जाता है तो उसे फैसला करने का अधिकार है।
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उद्धव ठाकरे का आरोप- नए सिरे से शिवसेना को खत्म करने के प्रयास
शिवसेना के भविष्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई और पार्टी सांसद संजय राउत पर ईडी के कसते शिकंजे के बीच शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी को पहले भी विभाजित करने के प्रयास किए गए लेकिन इस बार नए सिरे से पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उद्धव ने यहां अपने आवास मातोश्री में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया हुआ है।