राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब नीति को लेकर सियासत गर्माती जा रही है। नई और पुरानी नीति के बीच आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। दरअसल दिल्ली में शराब की नई नीति को लेकर हाल में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अनियमितताओं का हवाला देत हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान कर दिया कि अब राजधानी में पुरानी शराब नीति दोबारा लागू होगी। वहीं अब दिल्ली के डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
आप नेता मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, बीजेपी दिल्ली में जानबूझकर वैध शराब की कमी करने की कोशिश कर रही है। यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि, बीजेपी गुजरात की तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी अवैध शराब का धंधा चलाना चाहती है।
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि, हम भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नई शराब नीति लाए। यही नहीं इसके साथ ही हमने प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ोतरी की योजना बनाई और इसको अमल में लाए।
नई शराब नीति से राजस्व में हुई बढ़ोतरी
सिसोदिया ने दावा किया कि, इससे पहले सरकार को 850 शराब की दुकानों से करीब 6,000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था। लेकिन, आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से लाई गई नई नीति के बाद, हमारी सरकार को समान दुकानों के साथ 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व मिला।
शराब दुकानदारों को धमकाया जा रहाः सिसोदिया
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया यहीं नहीं रुके उन्होंने बीजेपी पर एक और गंभीर आरोप लगाया। आप नेता सिसोदिया ने कहा कि, बीजेपी राष्ट्रीय एजेंसियों का सहारा लेकर दिल्ली से शराब दुकानदारों को धमका रही है। उन्होंने दुकानदारों को ईडी और सीबीआई के जरिए धमकाया जा रहा है।
बीजेपी चाहती है कि, राजधानी में वैध शराब की दुकानें बंद हो जाएं और अवैध दुकानों से पैसा कमाया जाए। यही वजह है कि, हमने (दिल्ली सरकार) ने नई शराब नीति को रोकने का फैसला किया है और सरकारी शराब की दुकानें खोलने का आदेश दिया है।