मुंबई . हमारा बॉलीवुड हमेशा से ही प्यार की कॉन्सेप्ट पर टिका हुआ है और प्यार नाम के शब्द को अलग-अलग तरह से डिफाइन करने की कोशिश हमेशा से ही हमारी फिल्मों में होती रही है। इस वैलेंटाइन डे पर दैनिक भास्कर ने इसी बॉलीवुड बिरादरी के भीतर प्यार के मायने तलाशने की कोशिश की। इसके लिए एक बड़े स्तर का एक सर्वे कराया गया, जिसमें हमने पूरी बॉलीवुड बिरादरी से उनके शब्दों में प्यार की परिभाषा पूछी। फिल्मों में प्यार के कई रूप दिखाने वाली हमारी बॉलीवुड कम्यूनिटी के एक बड़े हिस्से ने इस सर्वे में कहा- इस अहसास की सबसे छोटी डेफिनेशन तो यही हो सकती है कि ‘प्यार सबकुछ है’। साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकारा कि इस फीलिंग को शब्दों के दायरे में बांधना बहुत कठिन है।
कैसे किया सर्वे
- हमने बॉलीवुड के हर तबके से जुड़े आर्टिस्ट के समक्ष प्रश्न रखा कि उनके अनुसार प्यार की क्या परिभाषा है। क्या वे इसे वन लाइन में डिफाइन कर सकते हैं। इस सर्वे में एक्टर्स, डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स, सिनेमेटोग्राफर्स, कोरियोग्राफर्स, ड्रेस डिजाइनर्स, मेकअप आर्टिस्ट, राइटर्स, सिंगर्स, कम्पोजर्स, म्यूजिशियंस, टेक्निशियंस आदि हरेक क्षेत्र से जुड़े कलाकारों को शामिल किया गया। कुल 500 आर्टिस्ट को हमने इस सर्वे में शामिल किया और उसके बाद इन आंकड़ों के विश्लेषण के बाद उनके अनुसार प्यार की सर्वमान्य परिभाषा जानी।
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यह रहा रिजल्ट
- लव इज एवरीथिंग, इसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता: 75 परसेंट
- प्यार दोस्ती है: 8 परसेंट
- प्यार सबसे प्यारा रिश्ता है: 7 परसेंट
- बाकी 10 परसेंट कलाकारों ने अपने-अपने तरीके से प्यार की अलग-अलग परिभाषा दी।
प्यार को ही सबकुछ मानने वाले कुछ नाम
सारा अली खान, वरुण धवन, प्रीतिश नंदी, हरिहरन, ललित पंडित, मेहुल कुमार, कैलाश खेर, डेलनाज ईरानी, जुबिन नौटियाल, गीता कपूर, पुलकित सम्राट, रोहन शाह, सायंतनी घोष, लव सिन्हा, जतिन सरना, ताहिर राज भसीन, विपुल रावल।
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कुछ इंट्रेस्टिंग डेफिनेशन
- सिंगर अनुजा सहाय– लव कुछ नहीं है, यह तो एक भ्रम है।
- राहुल रॉय– लव इज स्वीट एंड पेनफुल, यह मीठा भी है दर्द भी देता है।
- अदनान सामी– प्यार खुदा का दिया तोहफा है।
- भाग्यश्री– प्यार ऐसी लाइफ लाइन है जो हमारा आज संवारता है, बीते कल को एक सुखद याद बनाता और आने वाले कल को सपनों सरीखा खूबसूरत बनाता है।
- डायरेक्टर अनिल शर्मा– प्यार वह है जब आपको किसी के लिए कुछ करणे में आनंद आता है
- हिमेश रेशमिया– प्यार दिव्यता है।
- सुरेश ओबेरॉय– प्यार ऐसी स्वीकृति है जो शर्तों से परे हैं।
- अन्नू कपूर– प्यार तो बहुआयामी है।
- कॉमेडियन भारती सिंह– दोस्ती ही सच्चा वाला प्यार है।
- तुषार कपूर– प्यार दोस्ती के साथ-साथ भरोसे का भी नाम है।
- अदा खान– इस अहसास के लिए कभी शब्दों की जरूरत पड़ती ही नहीं है।
- डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री– अपनी आत्मा से जुड़ने का मीडियम है लव।
- सोनू सूद– प्यार सबसे अच्छा रिश्ता भी है।
- दिलीप ताहिल– लव इज ए भेस्ट ऑफ टाइम
- दिलीप जोशी (जेठालाल)– प्यार तो जलेबी-फाफड़ा और अच्छा सा नाश्ता है।
- मनारा चोपड़ा– प्यार दोस्ती है। दोस्ती से ही प्यार की शुरुअात होती है।
- अभिषेक दुहान– लव इज रिस्पेक्ट।
- शिवानी कश्यप, सिंगर– प्यार रिस्पेक्ट है।
- संयोगित मायर– प्यार धरती पर स्वर्ग है।
- अनेरी वजानी, एक्ट्रेस– जिंदगी की सबसे प्यारी दोस्ती का नाम ही प्यार है।
- मुग्धा छापेकर– प्यार तो त्याग का नाम है।
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युवा सितारों ने प्यार के क्या मायने बताए
प्यार एक फीलिंग है, जिसे व्यक्ति अनुभव कर सकता है। इसे समझने में सालों लग जाते हैं। फिल्म में प्यार को बहुत कम समय में दिखा दिया जाता है, क्योंकि उसमें कहानी को एक अंजाम तक पहुंचाने की जरूरत होती है। प्यार को इज़हार करणे का तरीका समय के साथ बदलता रहता है, पर उसकी इथोस एक ही रहती है। प्यार के बिना जिंदगी जीने का मज़ा ही नहीं होता।
प्यार तो बहुत प्यारा होता है। उसके बिना जिंदगी अधूरी होती है। इमोशन को आप चाहे अपनी फिल्म में डालें या निजी जिंदगी में, प्यार के बिना कुछ भी नहीं होता है। काम भी बड़े प्यार से ही करणा पड़ता है। प्यार तो आपको हर चीज में डालना ही पड़ेगी। बाकी इस साल वरुण की दुल्हनिया आएगी कि नहीं आएगी, वह मैं नहीं बता सकता क्योंकि उसमें अभी टाइम है।
मैं जब स्कूल कॉलेज में थी, तब वैलेंटाइंस डे बहुत एक्साइटिंग लगता था। जितने भी जानने वाले लोग थे, सब को हैप्पी वैलेंटाइंस डे विश किया करती थी। समझ उस उम्र से ही थी कि वैलेंटाइन सिर्फ जिसे आप चाहते हो उसके लिए नहीं होता, बल्कि उस जोन से अलग बाकी लोगों के लिए भी होता है। इस दिन हालांकि मैंने किसी को गिफ्ट दिया है या नहीं? वह मुझे याद नहीं, पर मुझे स्कूल में गुलाब के फूल बहुत मिलते थे।
मेरा ऑपिनियन शायद जरा डिफरेंट साउंड करे, पर प्यार तो मेरे लिए दोस्ती ही है। अगर संबंधों में गहरी दोस्ती नहीं है तो वह रिश्ता बेमानी है। मैं उससे प्यार करूंगी जो मुझे ताजिंदगी हंसाता रहे। प्यार का मतलब लाफ्टर, लॉयल्टी, और ट्रस्ट है।
आइकॉनिक फिल्म कुछ कुछ होता बचपन में देखती थी। उसका एक डायलॉग प्यार दोस्ती है सुनने के बाद मुझे लव के बारे में आइडिया हुआ। प्यार तो आता जाता रहता है, पर दोस्ती हमेशा बरकरार रहती है। हम जिससे भी प्यार करते हैं उसकी कमियों को भी अपनाना आना चाहिए।
मैं अपने पार्टनर में अनकंडीशनल और सेल्फलेस लव करणे वाली क्वालिटी चाहता हूं। चाहता हूं कि वो अंडरस्टैंडिंग हो और उसके लव एंड केयर का कोई अलग मकसद ना हो। जो मेरे सबसे कमजोर वक्त में भी मेरा सबसे ज्यादा साथ दे। मुझे बड़ा अजीब लगता है जब वैलेंटाइन को सिर्फ लड़के-लड़की के प्यार या बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड तक ही लिमिट कर दिया जाता है। खासतौर पर शादी के बाद जब लोग बदल जाते हैं और अपने पेरेंट्स को लेकर उनका नजरिया बदल जाता है। वह मुझे बड़ा अजीब सा लगता है। किसी भी इंसान के लिए दुनिया में सबसे पहले मां-बाप होने चाहिए। उनसे बेपनाह मोहब्बत की जानी चाहिए। प्यार के इस त्यौहार का दायरा बड़ा किए जाने की जरूरत है। पहले तो अपने पैरंट्स से प्यार करो। फिर खुद से प्यार करो। अगर आप खुद से प्यार कर सकते हो तो उस कंडीशन में ही आप दूसरों के लिए प्यार बांट सकते हो। रहा सवाल चार साल सोमवार का व्रत रखने का तो वह व्रत मैंने इसलिए नहीं रखा था कि मुझे मनचाही लड़की मिले। उन चार सालों में मैंने सोलह सोमवार से ज्यादा व्रत रखे पर उसका मकसद कुछ और ही था। इन दिनों तो मैं वह व्रत नहीं रख पा रहा हूं। ऐसा इसलिए कि मैं अपनी डेली लाइफ में डिसिप्लिन नहीं रह पा रहा हूं। उसके लिए मुझे वापस लाइन पर आना होगा।