लखनऊ: यूपी चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद जयंत चौधरी की पार्टी रालोद में आंतरिक कलह छिड़ गई है. राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने हाल ही में संपन्न हुए यूपी चुनावों के लिए उम्मीदवारों को टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

‘अखिलेश और जयंत की गलतियों से हुई हार’
यूपी चुनाव में रालोद ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ी लगभग तीन दर्जन सीटों में से आठ पर जीत हासिल की. 10 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से पार्टी की राज्य इकाई पहले ही भंग हो चुकी है. मसूद अहमद ने यह भी आरोप लगाया कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव दोनों की गलतियों के कारण गठबंधन भाजपा से सत्ता हथियाने में विफल रहा.
‘अयोग्य उम्मीदवारों दिए गए टिकट’
जयंत चौधरी को लिखे पत्र में, अहमद ने आरोप लगाया कि टिकट अयोग्य उम्मीदवारों दिए गए, मुसलमानों और दलितों को किनारे कर दिया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रालोद-सपा गठबंधन ‘आंतरिक तानाशाही’ के कारण सत्ता में आने में विफल रहा. उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि उन्होंने ओम प्रकाश राजभर के गैरजरूरी बयानों के खिलाफ चेतावनी दी थी जो मतदाताओं का ध्रुवीकरण करते हैं. उन्होंने कहा कि ‘दोनों नेताओं (चौधरी और अखिलेश) ने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया.’
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मसूद अहमद ने मांगा सवालों का जवाब
2017 में रालोद यूपी प्रमुख के रूप में पदभार संभालने वाले मसूद अहमद ने चौधरी और अखिलेश से उनके द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब मांगा. रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे ने हालांकि कहा, ‘मसूद अहमद द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. साथ ही उनके इस्तीफे का कोई मतलब नहीं है जब पार्टी इकाई पहले ही भंग हो चुकी है.’
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