राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के कारण बीते दो साल बाद होली पर चौतरफा रौनक देखने को मिला। लोग अपने घर के सदस्यों के साथ ही पड़ोसियों के बीच भी जमकर रंगों की होली खेली। चारो तरफ सप्तरंगी रंगों से सरोबोर माहौल देखने को मिल रहा है। लखनऊ स्थित नवीन मार्केट में अभाविप के कार्यकर्ताओं ने जयश्रीराम के नारे के साथ एक-दूसरे पर पिचकारी और रंगभरी बाल्टी से जमकर होली खेली।

होली पर लक्ष्मणपुरी के लोग रंग के उत्साह से लबालब भरे दिखाई दे रहे हैं। कहीं ढोलक की थाप तो कहीं डीजे पर थिरकते हुए एक-दूसरे के गालों में रंग लगाकर शुभकामनाएं देते हुए भी नजर आये। कोरोना के कारण पिछले सालों में लोग होली का ज्यादा आंनद नहीं उठा पाए थे, इस बार ऐसा माहौल है कि मानो बीते सालों की भी कसर निकाल रहे हों।
रंग की खुमारी तो होलिका में आग जलते ही चढ़ने लगी थी, उसी समय कुछ लोग अबीर-गुलाल लगाने लगे थे। सुबह सात बजे से ही लोग रंगे हुए दिखाई पड़ने लगे।
बच्चों में तो होली की खुशी सुबह से ही देखते बनी। इस बार पाप-मम्मी की रोक-टोक भी नहीं थी। बच्चे सुबह से ही अपने संगी-साथियों पर रंग डालने लगे। बच्चों ने नई पिचकारी खरीदी थी, जिसका वे पूरी तरह से उपयोग कर लेना चाहते थे।
सुबह के दस बजते ही राजधानी की सड़कों पर लोगों पर होली का सुरूर चढ़ गया था। तीन-तीन सवार वाहन भी तेजी से जाते हुए दिखने लगे थे। बड़े भी सड़कों पर निकल आए थे, इसके बाद शुरू हो गई होरियारों की होली। होली है कहते हुए एक-दूसरे को रंग और गुलाल से मल डाला।
शहर की होली का नजारा चौक में देखने लायक था। यहां होली पर परम्परागत जुलूस निकला। यहां चौक, नक्खास, कोनेश्वर होते हुए निकला। इसमें क्षेत्र के बड़े नेता, व्यापारी सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। जुलूस में कई गाड़ियां चल रही थीं। इसके अलावा शहर क अन्य हिस्सों में होरियारों की टोलियां गाते-बजाते निकली। जगह-जगह लाउडस्पीकर पर ‘रंग बरसे चुनर वाली रंग बरसे’ और ‘होली खेले रघुवीरा अवध में… बज रहा था, लोग गाने पर अपने मूंड में नाच रहे थे।
महिलाएं 11 बजे के बाद निकलीं और वह भी रंग लगाकर होली का मजा उठाया। विकास नगर के एक अपार्टमेंट में महिलाओं ने जमकर होली खेली।
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